सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नियुक्ति के लिए चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने 2 जजों के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी है. दोनों जजों में से एक जस्टिस सुधांशु धुलिया इस समय गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं. दूसरे जस्टिस जमशेद पारदीवाला हैं, जो अभी गुजरात हाई कोर्ट के जज हैं. सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों में से 2 खाली हैं.


अगर सरकार इन सिफारिशों को मान लेती है तो 2028 में जस्टिस पारदीवाला देश के चीफ जस्टिस बन सकते हैं. सुधांशु धुलिया जनवरी 2021 से गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं. उन्होंने 1986 में एलएलबी की डिग्री ली और शुरुआत में इलाहाबाद में प्रैक्टिस शुरू की. 


इसके बाद उत्तराखंड के नैनीताल में हाई कोर्ट के गठन के बाद उन्होंने यहां प्रैक्टिस शुरू की. 2004 में जस्टिस सुधांशु धुलिया को वरिष्ठ अधिवक्ता मनोनीत किया. 1 नवंबर 2008 को धुलिया उत्तराखंड हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए.  


वहीं जस्टिस जमशेद पारदीवाला ने साल 1988 में केएम लॉ कॉलेज, वलसाड से लॉ की डिग्री ली थी और 1989 में प्रैक्टिस शुरू की. पारदीवाला वकीलों के परिवार से हैं. उनके परदादा नवरोजजी पारदीवाला ने 1894 में प्रैक्टिस शुरू की थी. वहीं दादा ने 1929 और उनके पिता ने 1955 में बार में शामिल हुए थे. 


जस्टिस जमशेद पारदीवाला ने 1990 में गुजरात हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. उन्हें 17 फरवरी 2011 को गुजरात हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और साल 2013 में स्थायी जज बने.


सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम में चीफ जस्टिस एन वी रमना के अलावा जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस  डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव शामिल हैं.


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