Supreme Court Transfer High Court Judges: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार (3 अगस्त) को कोलैजियम की बैठक में हाईकोर्ट के 24 जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की. हाईकोर्ट के इन जजों के ट्रांसफर लंबे समय से पेंडिग थे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कोलैजियम ने यह फैसला न्यायिक प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के वास्ते लिया है. आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ऐसा शायद पहली बार है जब एक बार में इतनी ज्यादा संख्या में जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की गई है.
सीजेआई की अध्यक्षता में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत ने गुरुवार को हुई इस मीटिंग में पंजाब और हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात, इलाहाबाद, बॉम्बे, आंध्र प्रदेश और पटना हाईकोर्ट के जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की.
कोलैजियम की बैठक के बारे में पहले से जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि हाईकोर्ट में जजों के ट्रांसफर का यह प्रस्ताव बड़े लंबे समय से पाइपलाइन में था. उनके मुताबिक सिफारिश करने से पहले कोलैजियम ने हाईकोर्ट के कान्सुलेट जजों से इस बारे में बात की थी.
क्या सुप्रीम कोर्ट के पास जजों का ट्रांसफर करने की शक्ति है?
इन सब के बीच सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के कोलैजियम के पास जजों का ट्रांसफर करने की शक्ति है. ऐसे में संविधान का अनुच्छेद 222 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित बाकी जजों का एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रावधान करता है, लेकिन इसके लिए एक तय प्रक्रिया है, जोकि देश के हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर पोस्टिंग पर दिशा-निर्देश देती है.
यह प्रक्रिया कहती है कि देश की चीफ जस्टिस से जजों के ट्रांसफर की सिफारिश मिलने के बाद केंद्रीय कानून मंत्रालय प्रधानमंत्री को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ सिफारिश भेजते हैं. प्रधानमंत्री इस सिफारिश को लेकर देश के राष्ट्रपति को सलाह देते हैं और फिर उसी हिसाब से फैसला लिया जाता है.