SC collegium recommends: कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए 9 नामों की सिफारिश की, हाई कोर्ट की तीन महिला जज भी शामिल
SC collegium recommends: कॉलेजियम ने बार से सीधी नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा के नाम की सिफारिश की है.
SC collegium recommends: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को नौ नामों की सिफारिश की है, जिनमें उच्च न्यायालय की तीन महिला न्यायाधीशों के नाम शामिल हैं. न्यायालय ने एक बयान में कहा कि कॉलेजियम ने 17 अगस्त को हुई अपनी बैठक में सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है.
उनके अलावा कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी टी रवि कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के नामों की भी सिफारिश की है. कॉलेजियम ने बार से सीधी नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा के नाम की सिफारिश की है. अगर उनके नाम को मंजूरी मिलती है तो वह ऐसे छठे वकील होंगे.
जिन चार मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की गयी हैं उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली शामिल हैं.
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन के 12 अगस्त को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कम होकर 25 हो गयी जबकि सीजेआई समेत न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है. बुधवार को एक और पद रिक्त हो रहा है और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा सेवानिवृत्त हो रहे हैं. 19 मार्च 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष न्यायालय में कोई नियुक्ति नहीं हुई.
पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी शामिल हैं. अगर इन सिफारिशों को मंजूर कर लिया जाता है तो शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी.
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