Supreme Court Collegium News: सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम (Collegium system) के पुनर्गठन के लिए कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र पर विपक्षी दलों को ऐतराज है. कल कांग्रेस नेताओं ने रिजिजू के पत्र को न्यायपालिका के लिए ‘जहर की गोली’ जैसा बताया था. वहीं, अब पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी का बयान आया है.
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा है कि न्यायपालिका को आजादी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि केंद्र सरकार न्यायपालिका में किसी भी तरह दखल दे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र के सवाल पर, मंगलवार, 17 जनवरी को यह भी कहा कि अगर कॉलेजियम में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होगा तो राज्य सरकार का भी प्रतिनिधि होना चाहिए.'
कॉलेजियम में केंद्र के 'सुधार' पर ममता की 'ना'
ममता आगे बोलीं- लेकिन जब राज्य सरकार कॉलेजियम के लिए अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट (SC) भेजेगी तो वह (SC) उसे केंद्र सरकार को भेजेगी. ऐसे में राज्य सरकार की सिफारिश का कोई मतलब नहीं रह जाएगा और केंद्र सरकार न्यायपालिका में दखल देना शुरू करेगी. इसलिए ऐसा होना ही नहीं चाहिए कि कॉलेजियम में केंद्र सरकार का कोई प्रतिनिधि हो. ममता ने दो टूक कहा, ''नहीं, यह हम नहीं चाहते''.
विपक्षी दलों को सख्त ऐतराज
इससे पहले कांग्रेस, आप और अन्य विपक्षी दलों ने भी न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका की खींचतान के बीच सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) पर कई आरोप लगाए. कांग्रेस (Congress) की ओर से कहा गया कि सरकार, न्यायपालिका पर ‘कब्जा करने के इरादे’ से उसे ‘धमका’ रही है. कांग्रेस पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) द्वारा कॉलेजियम प्रणाली (Collegium system) के पुनर्गठन के लिए लिखा गया पत्र न्यायपालिका के लिए ‘जहर की गोली’ है.
कांग्रेस नेता ने केंद्र के पत्र को कहा ‘जहर की गोली’
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का पत्र न्यायपालिका के साथ सुनियोजित टकराव है, ताकि उसे (न्यायपालिका को) धमकाया जा सके और उसके बाद उस पर पूरी तरह से कब्जा किया जा सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कॉलेजियम में सुधार की जरूरत है, लेकिन यह सरकार उसे पूरी तरह से अपने अधीन करना चाहती है. यह कोशिश न्यायपालिका के लिए ‘जहर की गोली’ की तरह है.’’
केजरीवाल ने बताया बेहद खतरनाक
केंद्र सरकार की ओर से कॉलेजियम में अपने प्रतिनिधियों को शामिल करने की सुप्रीम कोर्ट से की गई मांग को अरविंद केजरीवाल ने ‘‘बेहद खतरनाक’’ करार दिया था. अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘‘यह बहुत ही खतरनाक है. न्यायिक नियुक्तियों में सरकार का निश्चित तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.’’
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