Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शुरू की गई कार्यवाही संबंधी याचिका पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि आप राजनीति में हर बात दिल पर नहीं ले सकते. केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाकर मद्रास हाई कोर्ट के पांच सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी.


मद्रास हाई कोर्ट ने दिसंबर 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुरुगन के कथित मानहानि वाले बयानों को लेकर चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट की ओर से दायर शिकायत पर उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था.


'मानहानि का सवाल ही नहीं'


सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को उनकी याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए चेन्नई की एक विशेष अदालत में केंद्रीय मंत्री मुरुगन के खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उनकी याचिका पर मुरासोली ट्रस्ट से भी जवाब मांगा था. यह मामला जब शुक्रवार (20 सितंबर 2024) को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया तो मुरुगन की ओर से पेश वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में मानहानि का सवाल ही कहां है?’’


राजनीति में हर बात को दिल से नहीं ले सकते- SC


ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने मामले की सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया. पीठ ने कहा कि राजनीति में आप हर बात दिल पर नहीं ले सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘प्रतिवादी के वकील के अनुरोध पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी.’’ केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने अपने खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रस्ट के अनुसार, मुरुगन ने आम जनता की नजर में मुरासोली ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को खराब करने और धूमिल करने के एक परोक्ष उद्देश्य से बयान दिया था.


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