नई दिल्ली: राफेल डील पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार की आपत्तियां खारिज कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहा कि जो कागज़ात अदालत में पेश किए गए वो मान्य हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है तो वहीं सरकार कह रही है कि ये कोई झटका नहीं है.
राहुल गांधी ने कोर्ट की अवमानना की है- रक्षा मंत्री
राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए रक्षामंत्री ने कहा, '' सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सवाल नहीं उठाए, कोर्ट की आज्ञा का पालन करेंगे. राहुल गांधी ने आज कोर्ट की अवमानना की है, जो व्यक्ति खुद जमानत पर है उसे कोर्ट के फैसले से देश को गुमराह करने का आधिकार किसने दिया? जो राहुल गांधी ने कहा वो कोर्ट ने नहीं कहा, संसद में AA (अनिल अंबानी) बोलने वाले आज RV (रॉबर्ट वाड्रा) के साथ.'' रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष शायद आधा पैराग्राफ भी नहीं पढ़ते हैं, लेकिन यह कहकर कि अदालत ने मान लिया है और यह भी कह दिया कि अदालत ने 'चौकीदार चोर है' कहा है, ये अदालत की अवमानना है.
राफेल डील: केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, दस्तावेज़ों को लेकर सरकार की आपत्तियां खारिज
राहुल ने राफेल के फैसले पर क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी में नामांकन के दौरान पीएम पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, ''कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चीट मिल चुकी है. पर आज सुप्रीम कोर्ट में साबित हो गया है कि चौकीदार जी ने चोरी करवाई है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई ना कोई भ्रष्टाचार हुआ है.'' साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की जांच होती है तो दो नाम नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी ही सामने आएंगे.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि वो राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में उन दस्तावेजों को भी देखेगा जिन्हें केंद्र ने गोपनीय बता कर पेश किए जाने पर एतराज किया था. दरअसल राफेल विमान सौदे के कुछ दस्तावेज चोरी हुए थे. याचिकाकर्ताओं ने लीक दस्तावेजों की फोटोकॉपी पेश करके दोबारा सुनवाई की मांग की थी .
आज कोर्ट ने ये साफ किया है कि बेंच सुनवाई में ना सिर्फ जेट की कीमत के सवाल पर चर्चा करेगी बल्कि राफेल बनाने वाली दसौ के भारतीय पार्टनर के चयन को भी देखेगी. सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है. इससे पहले पिछले साल 14 दिसंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने राफेल विमान सौदे पर क्लीन चिट देते हुए कहा था कि सौदा प्रक्रिया को ध्यान में रखकर हुआ है .
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