Supreme Court: विपक्षी गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखे जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह का मामला चुनाव आयोग में रखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सीधे सुनवाई नहीं कर सकता है. याचिकाकर्ता की तरफ से राजनीतिक नैतिकता का सवाल उठाने पर कोर्ट ने कहा, "हम यहां राजनीतिक दलों की नैतिकता पर सुनवाई नहीं कर सकते."


रोहित खेरीवाल नाम के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को खुद को I.N.D.I.A कहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मामले को सुन रही जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि किसी राजनीतिक गठबंधन के नाम पर आपत्ति चुनाव आयोग के सामने रखी जानी चाहिए. इसके लिए हम सही व्यक्ति नहीं है. 


क्या थी याचिकाकर्ता की दलील?
रोहित खेरीवाल ने अपनी दलील में कहा था कि राजनीतिक दलों में खुद को ज़्यादा राष्ट्रवादी दिखाने की होड़ मची हुई है. इस पर जस्टिस कौल ने पूछा कि क्या यह कोर्ट इस होड़ पर नियंत्रण लगा सकता है? इस पर वकील ने राजनीतिक नैतिकता का सवाल उठाते हुए हस्तक्षेप की मांग की. इस पर अदालत ने कहा, "हम यहां राजनीतिक दलों की नैतिकता पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं."


इसके बाद याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन के नाम को लेकर चुनाव आयोग को कुछ लोगों ने ज्ञापन सौंपा है. वकील ने आगे कहा कि कुछ लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की है. वहां भी इस मामले पर एक याचिका लंबित है. इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग के पास ही जाने को कहा. तब याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेकर दूसरे कानूनी विकल्प अपनाने की इजाजत मांगी. कोर्ट ने उनको इसकी इजाजत दे दी.


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