UGC-NET Exam: 'छात्रों को अनिश्चितता में नहीं डाल सकते...', UGC-NET एग्जाम टालने को लेकर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
UGC-NET Exam: यूजीसी-नेट एग्जाम को जून में कैंसिल कर दिया गया था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसके बाद ऐलान किया कि वह अगस्त में इस परीक्षा को दोबारा से करवाने वाली है.
UGC-NET Exam Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (12 अगस्त) को यूजीसी-नेट एग्जाम के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने 18 जून को आयोजित हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती दी थी. इस संबंध में दायर की गई याचिका पर शीर्ष अदालत ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया. यूजीसी-नेट परीक्षा का आयोजन दोबारा से 21 अगस्त को हो रहा है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 9 लाख लोग परीक्षा देने वाले हैं. उन्हें अनिश्चितता में नहीं डाला जा सकता. कुछ छात्रों का कहना था कि जून में हुई परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. उसकी सीबीआई जांच जारी है. ऐसे में जब तक सीबीआई जांच चल रही है, तब तक छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित नहीं करवाई जाए. यूजीसी नेट परीक्षा 18 जून को आयोजित हुई थी, लेकिन अगले ही दिन इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि सरकार को इस परीक्षा में गड़बड़ी होने की जानकारी मिली थी.
छात्रों के बीच अनिश्चितता बढ़ेगी: चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि एग्जाम कैंसिल कर दोबारा से करवाने के फैसले को दो महीने बीत चुके हैं. ऐसे में याचिका पर विचार करने से सिर्फ छात्रों के बीच अनिश्चितता बढ़ेगी और इसकी वजह से अराजकता का माहौल पैदा हो जाएगा.
चीफ जस्टिस ने कहा, "इसे अंतिम रूप में रहने दीजिए, हम एक आदर्श दुनिया में नहीं रहते हैं. 21 अगस्त को परीक्षा होने दीजिए, छात्रों के लिए निश्चितता बनी रहे." पीठ ने कहा कि परीक्षा में 9 लाख से अधिक छात्र हिस्सा ले रहे हैं और केवल 47 याचिकाकर्ताओं ने इसे चुनौती दी है.
गड़बड़ी का इनपुट मिलने के बाद रद्द हुई थी यूजीसी-नेट परीक्षा
बता दें कि यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा 18 जून को हुई थी, जिसमें 9 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे. शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को एग्जाम रद्द करने की ऐलान किया. मंत्रालय ने कहा कि उसे गृह मंत्रालय के तहत नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट के जरिए बताया गया था कि परीक्षा में कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसके बाद इसे रद्द करने का फैसला किया गया है. फिर जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंप दिया गया.
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