Supreme Court On Bihar By Elections: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विधानसभा उपचुनाव टालने से मना कर दिया है. यह मांग प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने की थी. पार्टी ने बिहार में 13 नवंबर की बजाय 20 नवंबर को मतदान की मांग की थी लेकिन जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने इस पर विचार से मना कर दिया.


जन सुराज पार्टी की ओर से दाखिल की गई याचिका में छठ पूजा का हवाला दिया गया था. याचिका में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में धार्मिक आयोजनों के चलते चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख आगे बढ़ाई लेकिन बिहार में छठ जैसे बड़े पर्व के तुरंत बाद मतदान करवाया जा रहा है.


जन सुराज पार्टी की दलीलों से सहमत नहीं हुए जज


याचिका में यह भी कहा गया था कि छठ के चलते प्रत्याशियों को प्रचार के लिए कम समय मिल पाया. पूजा के तुरंत बाद मतदान से वोटर की संख्या में भी गिरावट आएगी लेकिन जज इन दलीलों से सहमत नज़र नहीं आए. जस्टिस सूर्य कांत ने कहा, "किसी प्रमुख पार्टी को चुनाव की तारीख को लेकर समस्या नहीं है. हमें लगता है कि आपको राजनीति की कुछ बातें सीखने की ज़रुरत है."


‘हम इस मामले में नहीं देंगे दखल’


याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी ने मतदान की तारीख आगे बढ़ाने के लिए 29 अक्टूबर और 5 नवंबर को चुनाव आयोग को पत्र लिखा था, लेकिन आयोग ने उसकी मांग स्वीकार नहीं की. तभी वह सुप्रीम कोर्ट आए हैं. इस पर बेंच ने कहा, "मतदान की तारीख आ पहुंची है. पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. हम इस मामले में दखल नहीं देंगे."


कोर्ट के रुख को देखते हुए जन सुराज पार्टी ने अपनी याचिका वापस ले ली. ध्यान रहे कि बिहार की तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव है. याचिका दाखिल करने वाली पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में उतरी है.


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