'सीएम एमके स्टालिन से मिलें राज्यपाल आरएन रवि, गतिरोध सुलझा लेते हैं तो...', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Tamil Nadu Politics: तमिलनाडु में पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने को लेकर राज्यपाल आर एन रवि से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात करें.
DMK VS RN Ravi: तमिलनाडु में पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल आर एन रवि के बीच विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (1 दिसंबर) को राज्यपाल आर एन रवि से कहा कि वो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ बैठकर पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने पर बने गतिरोध को सुलझाएं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि राज्यपाल ने विधेयकों को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया है.
पीठ ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि राज्यपाल गतिरोध को सुलझा लें. यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ गतिरोध को सुलझा लेते हैं तो हम इसकी प्रशंसा करेंगे. मुझे लगता है कि राज्यपाल को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को आमंत्रित करना चाहिए और वे बैठ कर इस बारे में चर्चा करें.’’
कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 200 का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यपाल के कार्यालय के लौटाये जाने पर जिन विधेयकों को विधानसभा ने फिर से अपनाया है, उन्हें राज्यपाल राष्ट्रपति को नहीं भेज सकते.
डीएमके क्या बोली?
डीएमके के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने पूरे मामले को लेकर कहा कि राज्यपाल आरएन रवि ने सबक नहीं सीखा है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी गर्वनर ने कानून के शासन के प्रति झुकने से इनकार कर दिया. वह थोड़ा सोचते तो इस्तीफा दे दिया होता और तमिलनाडु राज्य से अपना बैग पैक कर लिया होता.
VIDEO | "The Governor (RN Ravi) has not learnt his lessons. Even after the Supreme Court's rebuke, the Governor refuses to budge towards the rule of law. He thinks he can get away with semantics. If he is a man with little bit self-respect, he would have resigned and packed his… pic.twitter.com/zrjUB8HMgN
— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2023
मामला क्या है?
सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्यपाल रवि के विधेयकों को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया गया था. कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को करेगी.
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