सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को ये आदेश दिया है कि 3 मई की मध्यरात्रि तक ऑक्सीजन की कमी पूरी की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने ये कदम दिल्ली के पांच अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन संकट को लेकर भेजे गए चेतावनी संदेश के बाद उठाया है. 


700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की मांग


शनिवार को दिल्ली को 454 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई जो कोरोना काल में यहां पहुंचने वाली सबसे ज्यादा मात्रा थी. ऑक्सीजन की आपूर्ति भी दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की धमकी के बाद हो सकी है. दिल्ली ने केन्द्र सरकार से 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का मतलब है कि दिल्ली को 3 मई की समय सीमा तक 700 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी होगी.


कोविड को लेकर नीति बनाने का निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दो सप्ताह के भीतर कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों में मरीजों की भर्ती को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बनाने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने ये सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी मरीज को स्थानीय एड्रेस प्रूफ के न होने की वजह से अस्पताल में भर्ती किए जाने और दवाओं प्राप्त करने से वंचित न किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए हैं कि केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर इमरजेंसी प्रयोग के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक तैयार करे. इस इमरजेंसी स्टॉक की व्यवस्था अगले चार दिनों के अंदर की जाए.


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