परमबीर सिंह को राहत, गिरफ्तारी पर लगी रहेगी रोक, 9 मार्च को अंतिम सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
परमबीर ने अपने खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की ओर से दर्ज सभी मुकदमों को रद्द करने या उन्हें सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है.
Extortion Case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 9 मार्च को अंतिम सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया. परमबीर ने अपने खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की ओर से दर्ज सभी मुकदमों को रद्द करने या उन्हें सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल परमबीर की गिरफ्तारी पर रोक समेत सभी पुराने आदेश जारी रहेंगे.
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए आवेदन दिया था. जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया था. पूरे मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने ये कहते हुए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी परमबीर सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने का अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है. हालांकि, पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह करीब 7 महीने के बाद 25 नवंबर को को मुंबई पहुंचे थे.
वसूली मामले में परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की और कोर्ट से मांग किया कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को रद्द किया जाए या सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए. इस मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया और साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी. कोर्ट ने परमबीर से जांच में सहयोग करने के लिए कहा था.
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