राजनीति के अपराधीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बड़ी बातें-
- राजनीतिक दल वेबसाइट में प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड बताएं.
- टिकट देने की वजह बताएं.
- क्षेत्रीय/राष्ट्रीय अखबार में छापें.
- फेसबुक/ट्विटर पर डालें.
- पालन कर चुनाव आयोग को जानकारी दें.
- पालन न होने पर आयोग अपने अधिकार के मुताबिक कार्रवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में क्या मांग की गई थीं?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में उम्मीदवारों पर चल रहे मुकदमों की जानकारी मीडिया में प्रकाशित करने की मांग की गई थी. साथ ही यह भी कहा गया है कि उसे टिकट देने वाली पार्टी भी अपने वेबसाइट में उसका आपराधिक रिकॉर्ड प्रकाशित करे.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि साल 2018 में खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसका आदेश दिया था, लेकिन पालन नहीं हो रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि इस बारे में कुछ करना ज़रूरी है. याचिकाकर्ता की यह मांग भी थी कि पार्टी यह भी बताए कि मुकदमों के लंबित रहते उस उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया गया.
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