Rafale Fighter Jet : राफेल विमान सौदे की नए सिरे से जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, याचिकाकर्ता ने किया था ये दावा
Supreme Court : याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Plane) मामले में कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Rafale Commissioning Case : राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) खरीद मामले की नए सिरे से जांच से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. लगातार याचिका दाखिल करने वाले वकील एमएल शर्मा ने पिछले साल फ्रांस की मीडिया में छपी रिपोर्ट पर सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि फ्रेंच मीडिया ने मामले में कमीशनखोरी का जो दावा किया है, उसकी जांच होनी चाहिए. शर्मा ने मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को भी पार्टी बनाया था लेकिन, अब कोर्ट ने याचिका को फैक्टलेस मानते हुए सुनने से मना कर दिया है.
दरअसल, 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के बाद राफेल विमान सौदे की जांच से मना किया था. कोर्ट ने माना था कि 36 विमानों की खरीद का यह सौदा देशहित में है. इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई. याचिकाकर्ता जांच का आदेश देने लायक फैक्ट नहीं रख पाए हैं. सिर्फ उनकी आशंकाओं के आधार पर जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता.
एक बिलियन यूरो की कमीशनखोरी का आरोप
बता दें कि, एमएल शर्मा 2018 में खारिज हो चुकी याचिका में भी याचिकाकर्ता थे. पिछले साल उन्होंने फिर से नई याचिका दाखिल कर दी, जो आज सुनवाई के लिए लगी. शर्मा ने कहा कि एक फ्रेंच अखबार ने रफाल विमान बनाने वाली दसॉल्ट एविएशन पर एक बिलियन यूरो कमीशन देने का आरोप लगाया है.
उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट को इस पर दस्तावेज मंगाने चाहिए. चीफ जस्टिस ललित और जस्टिस एस रविंद्र भाट ने आपस में चर्चा के बाद याचिका को खारिज करने की बात कही है. शर्मा ने अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी इसे मान लिया है.
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