Name Change Plea Rejected: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक याचिकाकर्ता द्वारा पंजाब और बड़ौदा के नाम हटाकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) के नाम बदलने का आदेश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का कर्मचारी होने का दावा करता है. याचिकाकर्ता का कहना था- इन बैंकों के नाम के चलते अशिक्षित लोगों को यह भ्रम होता है कि यह राष्ट्रीय बैंक हैं या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक का नाम बदलना हमारा काम नहीं है. यह याचिका आधारहीन है.
याचिकाकर्ता ओंकार शर्मा की इस मांग को पहले बॉम्बे हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है. हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मांग में कोई जनहित नहीं है. पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारी ओंकार शर्मा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने भी इस पर विचार करने से मना कर दिया.
नाम बदलना कोर्ट का काम नहीं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, "इस तरह तो आप बडौदा क्रिकेट टीम का नाम बदलने की भी मांग कर सकते हैं. क्या यह कोर्ट का काम है?" याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह मामला जनहित से जुड़ा है. पूरे देश में काम कर रहे इन बैंकों के नाम से दूरदराज के इलाके में रह रहे कम पढ़े-लिखे लोगों को भ्रम होता है.
जस्टिस हिमा कोहली ने कही अहम बात
याचिकाकर्ता की दलील को खारिज करते हुए जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, "इसमें क्या जनहित है? क्या पंजाब नेशनल बैंक यह कह रहा है कि वह सिर्फ पंजाबी लोगों का ही खाता खोलेगा?" याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस तरह का फैसला नीतिगत मामला है. इस पर फैसला लेना कोर्ट के दायरे में नहीं आता.
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