सुप्रीम कोर्ट ने अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत बरकरार रखी, खारिज की कर्नाटक हाईकोर्ट की याचिका
भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में ‘मीडिया ट्रायल’ से बचा जाना चाहिए.
![सुप्रीम कोर्ट ने अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत बरकरार रखी, खारिज की कर्नाटक हाईकोर्ट की याचिका Supreme Court dismisses Karnataka High Court pleas against Bhavani Revanna Bail in Kidnapping Case सुप्रीम कोर्ट ने अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत बरकरार रखी, खारिज की कर्नाटक हाईकोर्ट की याचिका](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/10/18/ebfcfe1c357f12519b0228c58cb0f1ed1729251598199628_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सुप्रीम कोर्ट ने जनता दल (सेक्युलर) से निलंबित नेता और बलात्कार मामले में आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अपहरण मामले में दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने से शुक्रवार (18 अक्टूबर, 2024) को इनकार कर दिया और कर्नाटक सरकार की याचिका खारिज कर दी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस बात को ध्यान में रखा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है और कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि मां कथित रूप से अपने बेटे के लिए महिलाओं की खरीद-फरोख्त में सीधे तौर पर शामिल थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
कर्नाटक सरकार द्वारा भवानी की अग्रिम जमानत रद्द करने के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को इसे खारिज करने से इनकार कर दिया था और उनसे जवाब मांगा था. हाईकोर्ट ने भवानी रेवन्ना को अपने बेटे द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकार एक महिला के अपहरण के मामले में 18 जून को अग्रिम जमानत दे दी थी.
कोर्ट ने कहा था कि यह दावा करना अनुचित है कि वह प्रज्वल के खिलाफ यौन शोषण के मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं. एसआईटी ने मैसुरू जिले के के.आर. नगर में एक घरेलू सहायिका के अपहरण के सिलसिले में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होने के बाद भवानी की हिरासत का अनुरोध किया था.
भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में ‘मीडिया ट्रायल’ से बचा जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने सात जून को भवानी के मैसुरू जिले के केआर नगर तालुका और पूरे हासन जिले के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक लगा दी थी, जहां महिला का कथित रूप से अपहरण हुआ था.
अदालत ने एसआईटी को जांच के लिए उन्हें हासन और मैसुरू जिलों में ले जाने की अनुमति दी थी. भवानी पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता को शिकायत दर्ज कराने से रोकने की कोशिश की, जिसका उनके बेटे ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था. प्रज्वल वर्तमान में कई महिलाओं का यौन शोषण करने और कथित अपराध की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आरोप में परप्पना अग्रहारा जेल में न्यायिक हिरासत में है.
यौन शोषण के मामले तब सामने आए जब 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पहले हासन में कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो वाले पेन-ड्राइव प्रसारित किए गए. उनके खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद जद(एस) ने प्रज्वल को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
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