CBI जांच के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका रद्द, SC ने पूछा- क्या आप देशमुख को बचाना चाहते हैं?
अनिल देशमुख द्वारा पुलिसकर्मियों के तबादले, तैनाती के आरोपों की CBI जांच के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज. कोर्ट ने कहा कि वह CBI से जांच कराने के संवैधानिक अदालत के आदेश को कमतर नहीं कर सकता
![CBI जांच के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका रद्द, SC ने पूछा- क्या आप देशमुख को बचाना चाहते हैं? Supreme Court dismisses Maha govt plea against CBI probe into allegations of transfer, posting by Anil Deshmukh CBI जांच के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका रद्द, SC ने पूछा- क्या आप देशमुख को बचाना चाहते हैं?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/02/15/5297f1ae76a02b4ad981cb963f9adb03_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा पुलिसकर्मियों के तबादले, तैनाती के आरोपों की सीबीआई जांच न करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा कि राज्य द्वारा याचिका दायर करने से ऐसा लगता है कि वह अनिल देशमुख को बचाने की कोशिश कर रहा है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह बंबई हाईकोर्ट के 22 जुलाई के आदेश में हस्तक्षेप करना चाहती है और याचिका खारिज कर दी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "आपको (महाराष्ट्र सरकार) एक पूर्ण और निष्पक्ष जांच की अनुमति देनी चाहिए. क्या कठिनाई है? जांच राज्य के खिलाफ नहीं है... यह पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ है." कोर्ट ने कहा कि वह सीबीआई की जांच के आदेश देने वाले संवैधानिक निर्देश को कमजोर नहीं कर सकती, जिस पर जांच की जानी चाहिए. सीबीआई को आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए और हम उन्हें रोक नहीं कर सकते. यह एक संवैधानिक अदालत की शक्तियों को नकारने जैसा होगा.
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें सीबीआई को एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई थी. सीबीआई द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में यह कहने के कुछ दिनों बाद याचिका दायर की गई थी कि महाराष्ट्र सरकार जांच को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को शेयर करने से इनकार कर रही है. इसके बाद हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को कहा था कि अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों की सांठगांठ का पता लगाने के लिए सीबीआई मुंबई पुलिस बल में पुलिस कर्मियों के तबादले और तैनाती व वाजे की बहाली के मामले में गौर कर सकती है.
ये भी पढ़ें-
देवभूमि उत्तराखंड को विश्वभर के हिंदुओं की आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे- केजरीवाल
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)