Supreme Court: स्टैंडअप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि बस्सी ने एक कार्यक्रम में अदालतों और वकीलों के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की है. जस्टिस संजय किशन कौल ने वकील से सवाल किया कि क्या आपके पास करने को कोई बेहतर काम नहीं जो ऐसी याचिका दाखिल कर दी.


इस मामले की सुनवाई जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच कर रही थी. बेंच ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता वकील फरहाज वारसी की फटकार लगाई और कहा कि आपके पास कोई और काम नहीं है करने को. कोर्ट ने कहा कि आपके पास कुछ बेहतर करने को नहीं है, आप कहते हैं कि आप 20 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं. ये आर्टिकल 32 का मामला नहीं है. यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.


कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने याचिका पर नाराजगी जताते हुए कहा, "यह क्या है? हम किसी स्टैंड-अप कॉमेडी शो के खिलाफ इस पर सुनवाई क्यों करें? कुछ बेहतर लेकर आओ." कोर्ट ने कहा कि बाकी वकील अपना ख्याल खुद रख लेंगे. आपको पूरी कम्यनिटी की फिक्र करने की जरूरत नहीं है. आप अपना ख्याल रखें. 


याचिका में किया गया ये दावा
याचिका में दावा किया गया है कि एमजॉन प्राइम के 'बस कर बस्सी' शो में अनुभव बस्सी ने न्यायपालिका और कानून से जुड़े लोगों को नकारात्मक तरीके से पेश किया है. उन्होंने कहा कि शो में बस्सी ने न्यायापालिका, कानून के पेशे और वकीलों को बदनाम किया गया है.


एक और मामले में SC ने लगाई फटकार
सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक और बेंच ने आज एक मामले में सुनवाई के दौरान एक वकील को फटकार लगा दी. वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन का एक पड़ाव केरल के मलप्पुरम में तिरुर रेलवे स्टेशन को बनाए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. इस पर कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा कि आप चाहते हैं अब हम ये भी बताएं कि ट्रेन को कहां रोका जाना चाहिए, यह नीतिगत मामला है, हम सुनवाई वहीं करेंगे. इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.


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