रिटायर होने के बाद जजों को 2 साल तक राजनीतिक पद नहीं देने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, कहा- कानून बनाना सरकार का काम
बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन नाम की संस्था की ओर से आंध्र प्रदेश के राज्यपाल जस्टिस एस अब्दुल नजीर का उदाहरण देते हुए याचिका दाखिल की गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है आपको एक जज पर विशेष आपत्ति है.
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को रिटायर होने के बाद 2 साल तक राजनीतिक पद लेने से रोकने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यह विषय सेवानिवृत्त जजों के विवेक पर छोड़ देना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस तरह का आदेश नहीं दे सकता. कानून बनाना सरकार का काम है.
बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन नाम की संस्था की याचिका में कहा गया था कि न्यापालिका की स्वतंत्रता और न्यायिक व्यवस्था में लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है. याचिका में मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के राज्यपाल जस्टिस एस अब्दुल नजीर का उदाहरण दिया गया था. जस्टिस नजीर अयोध्या मामले पर फैसला देने वाली बेंच के सदस्य थे. इस पर मामले की सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, 'ऐसा लगता है कि आपको एक जज पर विशेष आपत्ति है.' याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील अहमद आब्दी ने कहा कि वह न्यायपालिका के हित में अपनी बात रख रहे हैं.
याचिका में क्या कहा गया
वकील ने कहा, 'इस तरह के राजनीतिक पदों का ऑफर देना हमारा मुद्दा है. कई संवेदनशील मामले कोर्ट के पास आते हैं. ऐसे संवेदनशील मामलों को देखते हुए अगर सरकार की ओर से दिए गए ऑफर जज रिटायरमेंट के बाद स्वीकर कर लेते हैं, तो इसका लोगों पर क्या असर पड़ेगा. मेरा ये सवाल है. यह सवाल हमारी अंतरात्मा में चुभता है क्योंकि हम हर दिन इसका सामना कर रहे हैं. यह पीआईएल फाइल करते हुए हम बहुत मजबूर महसूस कर रहे हैं क्योंकि हम भी इसका हिस्सा हैं. रिटायरमेंट के बाद थोड़ा समय दिया जाना चाहिए, जिसकी कई चीफ जस्टिस और लॉ कमीशन की तरफ से भी सिफारिश की गई है.'
कोर्ट ने कहा, आपको एक विशेष जज की नियुक्ति पर आपत्ति
वकील की दलील पर बेंच ने कहा कि बहुत सारे ट्रिब्यूनल ऐसे हैं, जहां कानूनन पूर्व जज ही नियुक्त हो सकते हैं. जहां तक चुनाव लड़ने या कोई राजनीतिक पद लेने का सवाल है, इस पर सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश नहीं देगा. यह मामला संबंधित जज के विवेक पर ही छोड़ देना चाहिए. पिछले कुछ सालों में सुप्रीम कोर्ट के 2 जज रिटायर होने के कुछ महीने बाद राज्यपाल बने हैं, जबकि एक पूर्व चीफ जस्टिस इस समय राज्यसभा के सदस्य हैं. कोर्ट ने कहा कि इस पर सरकार को फैसला लेने देते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप एक विशेष व्यक्ति को राज्यपाल नहीं बनाना चाहते हैं इसलिए आपने यह याचिका दाखिल की. यही कारण है कि आपने सिर्फ ये ही एक मामला उठाया.