नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका का मंगलवार को निपटारा कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह नियुक्ति किसी भी तरह से अनधिकृत और गैरकानूनी नहीं है. जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस विनीत सरन की एक पीठ ने कहा कि एक पूर्णकालिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के बाद अब इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.


कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कॉमन कॉज की एक याचिका पर यह फैसला सुनाया जिसने राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी थी. पीठ ने कहा कि रिकार्ड से पता चलता है कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एक योग्य अधिकारी की तैनाती करने के लिए भारत सरकार को दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून की धारा 4ए के तहत उच्च शक्ति प्राप्त चयन समिति ने अधिकृत किया था.


पीठ ने कहा कि समिति द्वारा नौ, दस जनवरी 2019 को पारित प्रस्ताव से यह स्पष्ट है कि अंतरिम निदेशक की नियुक्ति को धारा 4ए के तहत समिति ने अधिकृत किया है. इसलिए, इसे किसी भी तरह से अनधिकृत या गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता. इससे पहले, एक फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह सीबीआई के एक अंतरिम निदेशक के व्यवस्था के खिलाफ है और केन्द्र को तत्काल जांच एजेंसी का एक नियमित प्रमुख नियुक्त करना चाहिए.


पीठ ने कहा था कि एजेंसी ठीक से काम नहीं कर रही थी और अधिकारी लड़ रहे थे और एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे जो पूरी तरह से अनुपयुक्त था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जिसको सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया जाए वह सीबीआई के पूर्व सीबीआई प्रमुख आलोक कुमार वर्मा को फिर से दो दिन की नियुक्ति के कार्यकाल के दौरान के ‘फाइलों की गतिविधियों का पता लगाएं.


सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस ए के सीकरी और एन वी रमन ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था. इस संगठन ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट तंत्र की मांग की थी.


पिछले साल 23 अक्टूबर में याचिका में आरोप लगाया गया था कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में राव की नियुक्ति के सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को रद्द कर दिया था. लेकिन केन्द्र ने उन्हें फिर से निुयक्त करने के लिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम का पूर्ण उल्लंघन करते हुये पूरी तरह से गलत, मनमाने और अवैध तरीके से कार्य किया.


वर्मा को हटाये जाने के बाद 10 जनवरी को सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राव को एक नये निदेशक की नियुक्ति होने तक अंतरिम प्रमुख बनाया गया था. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला ने चार फरवरी को निदेशक के तौर पर सीबीआई का प्रभार संभाला था.


जैश प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस


यह भी देखें