भाषण के मामले में सीएम योगी के खिलाफ FIR की मांग पर SC ने कहा- सिर्फ प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं ऐसी याचिकाएं
Supreme Court: याचिका में कहा गया कि राजस्थान के अलवर में दिए भाषण में सीएम योगी ने कथित रूप से भगवान हनुमान के बारे में विवादित टिप्पणी की थी.
![भाषण के मामले में सीएम योगी के खिलाफ FIR की मांग पर SC ने कहा- सिर्फ प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं ऐसी याचिकाएं Supreme Court dismisses plea of demanding to register a case against UP CM Yogi Adityanath for speech given in 2018 ann भाषण के मामले में सीएम योगी के खिलाफ FIR की मांग पर SC ने कहा- सिर्फ प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं ऐसी याचिकाएं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/23/227c366475cdf44e035fe3c4a78352ef1674465886895432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
CM Yogi News: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तरफ से 2018 में दिए गए एक भाषण के लिए केस दर्ज करने की मांग ठुकरा दी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (23 जनवरी) को कहा कि ऐसी याचिकाएं सिर्फ प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि वह मामले में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती.
पीठ ने कहा कि ऐसे मुकदमे सिर्फ अखबारों के लिए होते हैं. इसे खारिज किया जाता है. राजस्थान के अलवर में दिए भाषण में सीएम योगी ने कथित रूप से भगवान हनुमान के बारे में विवादित टिप्पणी की थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता को यहां भी लगा झटका है.
याचिका में क्या कहा गया?
ये याचिका मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने दायर की थी. याचिकाकर्ता के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर 2018 को राजस्थान के अलवर में एक चुनावी भाषण में उनकी धार्मिक भावनाएं आहत की थीं. याचिकाकर्ता के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के संबंध में मालाखेड़ा, अलवर में एक जनसभा को संबोधित किया था जिसमें उन्होंने भगवान बजरंगबली के लिए कुछ शब्द कहे थे जिससे जनता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी दी अर्जी
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख करने से पहले याचिकाकर्ता ने मऊ की जिला अदालत में मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) के भाषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जिसे भी क्षेत्रीय न्यायाधिकार के आधार पर खारिज कर दिया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साथ ही याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
ये भी पढ़ें-
'मैं नहीं जानता शाहरुख खान को, जब उन्होंने मैसेज किया तो...', फिर बोले असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)