Kiren Rijiju: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने कहा- 'चीजें बहुत खराब है...' रिजिजू बोले- 'पीएम को गाली देने वालों...'
Kiren Rijiju Statement On Retired SC Judge: सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा ने कहा कि कानून शासन के मामलों पर सिविल सेवकों को अपने निजी विचार रखने की आजादी होनी चाहिए.
Kiren Rijiju On Retired SC Judge: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा सिविल सेवकों को कानून और शासन के मामलों पर अपने निजी विचार रखने की आजादी मिलने की बात कही थी. उन्होंने कहा, देश में अभिव्यक्ति की आजादी (Freedom Of Expression) की कमी है, ये बहुत खराब है. इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने पलटवार किया है.
किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि अगर अभिव्यक्ति की आजादी की कमी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को गाली देने वालों को लेकर आप क्या कहेंगे. एससी के रिटायर्ड जज श्रीकृष्णा ने द हिंदू (The Hindu) अखबार को दिए गए एक इंटरव्यू में इस मामले पर अपनी चिंता जाहिर की थी. जस्टिस श्रीकृष्णा का ये इंटरव्यू सरकार के आलोचकों के बीच खासा लोकप्रिय हुआ है. इसे स्निपेट (Snippet) पर खूब शेयर किया गया है.
मशहूर पीएम को दे रहे हैं गाली
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्णा ने देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या इसकी कमी की बात कही है. वह सिविल सेवकों (Civil Servants) को कानून और शासन (Law And Governance) के मामलों पर अपने निजी विचार जाहिर करने की आजादी के बारे में बात कर रहे थे. इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा, "मशहूर और चुने गए प्रधानमंत्री को जो लोग गाली देते हैं वो अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रो रहे हैं."
गौरतलब है कि द हिंदू के साथ एक इंटरव्यू में जज श्रीकृष्णा ने कहा, 'आज हालात बहुत खराब हैं. मुझे स्वीकार करना होगा, अगर मैं एक सार्वजनिक चौक में खड़ा होता और कहता कि मुझे प्रधानमंत्री का चेहरा पसंद नहीं है, तो कोई मेरे घर पर छापा मार सकता है, मुझे गिरफ्तार कर सकता है, मुझे बगैर कोई वजह बताए जेल में डाल सकता है. अब यह एक ऐसी चीज है जिसका हम सभी को एक नागरिक के तौर पर विरोध करना चाहिए.'
Those people who speak all the time without any restrictions to abuse the popularly elected Prime Minister are crying about freedom of expression ! They will never talk about emergency imposed by congress party and never dare to criticise some Regional Party CMs. https://t.co/LSfwbxLYbx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 3, 2022
'इंदिरा गांधी सरकार की इमरजेंसी को आप क्या कहेंगे'
किरण रिजिजू रिटायर्ड जस्टिस श्रीकृष्णा के इस बयान से खासे गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा कि आज अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने वाले लोग इंदिरा गांधी सरकार (Indira Gandhi Government) के वक्त साल 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल (Emergency) पर क्या कहेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, “वे लोग जो हर समय बगैर किसी प्रतिबंध के लोकप्रिय निर्वाचित प्रधानमंत्री को गाली देने के लिए बोलते हैं, वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में रो रहे हैं! वे कांग्रेस पार्टी के लगाए गए आपातकाल के बारे में कभी बात नहीं करेंगे और न ही कुछ क्षेत्रीय पार्टी के मुख्यमंत्रियों की आलोचना करने की हिम्मत जुटा पाएंगे.” हालांकि बाद में उन्होंने कहा,"मुझे नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट के किसी पूर्व न्यायाधीश ने वास्तव में ऐसा कहा है या नहीं. अगर यह सच है तो यह बयान अपने आप में उस संस्था को नीचा दिखाने वाला है जिसकी उन्होंने सेवा की है.”
Those people who speak all the time without any restrictions to abuse the popularly elected Prime Minister are crying about freedom of expression ! They will never talk about emergency imposed by congress party and never dare to criticise some Regional Party CMs. https://t.co/LSfwbxLYbx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 3, 2022
क्या सिविल सेवक कानून- शासन पर राय दे सकते हैं ?
'क्या सिविल सेवक कानून- शासन पर अपनी राय दे सकते हैं?' इस विषय वाले इंटरव्यू में जस्टिस श्रीकृष्णा ने अपने विचार रखे थे. इस चर्चा में वो तेलंगाना (Telangana) कैडर के एक आईएएस अधिकारी के कानून और शासन के मामलों पर सिविल सेवकों की अपनी निजी राय जाहिर करने की आजादी के मामले पर बात कर रहे थे. इस अधिकारी को बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को लेकर सदमे थे और उन्हें इस पर दुख जताया था.
द पीपल्स ऑफिसर के नाम से मशहूर स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal) ने कहा कि बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के बारे में पढ़कर वह एक महिला और एक सिविल सेवक के तौर पर इस पर यकीन नहीं कर पाती हैं. 2001 बैच के आईएएस अधिकारी ने ट्वीट किया था, "एक महिला और एक सिविल सेवक के रूप में, मैं #BilkisBanoCase पर समाचार पढ़कर अविश्वास में हूं. हम बगैर किसी डर के आज़ाद हवा में सांस लेने के उसके हक को फिर से नहीं छीन सकते हैं और हम खुद को एक आजाद देश कैसे कह सकते हैं."
As a woman and a civil servant I sit in disbelief, on reading the news on the #BilkisBanoCase.
— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) August 18, 2022
We cannot snuff out her Right to breathe free without fear, again and call ourselves a free nation. #JusticeForBilkisBano pic.twitter.com/NYL6YS59Gh
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू इसी तरह की अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर गुस्साएं हुए हैं. उन्होंने इन सभी को अपने बयानों के जरिए खरी-खरी सुना डाली है.
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