Supreme Court on Drugs: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ड्रग्स को 'कूल' समझना गलत है. दोस्तों के दबाव में आकर इसके इस्तेमाल से युवाओं को बचना चाहिए. युवा अपनी समझ का इस्तेमाल करें, न कि दूसरों की देखा-देखी नशीली दवाओं का सेवन शुरू कर दें. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी नशीले पदार्थों की तस्करी के एक आरोपी की याचिका खारिज करते हुए की है.


अंकुश विपन कपूर नाम के व्यक्ति पर पाकिस्तान से भारत मे हेरोइन की तस्करी कर भारत लाने वाले नेटवर्क का हिस्सा होने का आरोप है. पंजाब और गुजरात में इस नेटवर्क का जाल फैला है. केंद्र सरकार ने 500 किलोग्राम हेरोइन भारत लाने के आरोप की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA को सौंप दी थी. अंकुश ने इस जांच को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने NIA की जांच को सही ठहराया है.


परिवार पर भी पड़ता है असर


जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस फैसले में एक अभिभावक की तरह देश के युवाओं को नसीहत दी है. बेंच ने कहा है कि नौजवानों को यह समझना चाहिए कि नशीली दवाओं के इस्तेमाल से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. इसका असर सिर्फ उन पर नहीं, बल्कि उनके परिवार पर भी पड़ता है.


कोर्ट ने युवाओं से अपील की है कि वह दोस्तों के उकसाने पर या पढ़ाई के दबाव में या किसी भावनात्मक तनाव में ड्रग्स का रुख न करें. ड्रग्स का इस्तेमाल बहुत जल्दी एक लत में बदल जाता है और जीवन को तबाह कर देता है. कोर्ट ने कहा है कि युवा उन लोगों के जैसे कभी न बनें, जिन्हें नशे की आदत लग चुकी है.


अभिभावक, स्कूल/कॉलेज, एनजीओ की क्या है जिम्मेदारी


इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समाज को भी अपने नज़रिए में बदलाव की सलाह दी है. कोर्ट ने कहा है कि परिवार और समाज को ड्रग्स की लत के शिकार लोगों के लिए नकारात्मक रवैया नहीं अपनाना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि वह व्यक्ति सुधर सके. अभिभावक, स्कूल/कॉलेज, एनजीओ और सरकारी संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वह ड्रग्स के चंगुल से युवाओं को बाहर लाने में अपनी भूमिका निभाएं. साथ ही, नशीली दवाओं के जाल को खत्म करने के लिए अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करें.


एक्शन प्लान बनाए NCB 


सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में नेशनल लीगल सर्विस ऑथोरिटी (NALSA) से कहा है कि वह नारकोटिक्स (नशीली दवाओं) के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए. कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) से भी कहा है कि वह बच्चों को ड्रग्स से बचाने के लिए मिल कर एक्शन प्लान बनाएं.


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