Prabhunath Singh Case: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल नेता प्रभुनाथ सिंह को 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिया है. चार बार लोकसभा सांसद रह चुके सिंह को इस मामले में निचली अदालत और हाई कोर्ट ने बरी किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 1 सितंबर को सज़ा पर बहस के लिए अपने सामने पेश करने का आदेश दिया है. प्रभुनाथ सिंह हत्या के एक अन्य मामले में पहले से उम्र कैद की सज़ा काट रहे हैं.
1995 में बिहार के छपरा में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की एक मतदान केंद्र के नज़दीक हत्या हुई थी. यह आरोप लगा था कि प्रभुनाथ सिंह ने दोनों को इसलिए मार डाला क्योंकि उन्होंने प्रभुनाथ के कहने मुताबिक मतदान नहीं किया था.
इस मामले में सिंह को 2008 में निचली अदालत और 2012 में पटना हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, अभय एस ओक और विक्रम नाथ की बेंच ने कहा है कि मामले में प्रभुनाथ के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के गृह सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया है कि प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार किया जाए और 1 सितंबर को कोर्ट के सामने पेश किया जाए ताकि उनकी सजा पर फैसला हो सके.
पहले जेडीयू और बाद में आरजेडी में रह चुके प्रभुनाथ को 2017 में विधायक अशोक सिंह की हत्या में भी दोषी करार दिया गया था. इस समय वह झारखंड की हजारीबाग जेल में बंद हैं.
बेंच ने आदेश पढ़ते हुए कहा, 'हम प्रभुनाथ सिंह को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या के लिए धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी पाते हैं. इस सिलसिले में हम बिहार के गृह सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार करने और सजा सुनाए जाने के लिए सुनवाई की अगली तारीख पर उनको अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दे रहे हैं.'
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