नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों के बंद मामलों की दोबारा जांच होगी. ऐसे 186 मामलों की दोबारा जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है. इसके अध्यक्ष दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एस एन ढींगरा बनाए गए हैं.
जस्टिस ढींगरा की नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि वो दिल्ली में सेशन्स जज रहते 1984 दंगे से जुड़े मामलों की सुनवाई भी कर चुके हैं. हाईकोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सज़ा सुनाई थी.
एसआईटी कुल 3 सदस्यों की है. जस्टिस ढींगरा के अलावा इसमें रिटायर्ड आईपीएस राजदीप सिंह और आईपीएस अभिषेक दुलार भी होंगे. सुप्रीम कोर्ट फिलहाल जांच की मॉनिटरिंग करता रहेगा. कोर्ट ने एसआईटी से दो महीने में पहली स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है.
क्यों हो रही है दोबारा जांच?
2014 में केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से एक एसआईटी बनाई थी. उस एसआईटी को दंगों के कुल 293 मामले सौंपे गए. जांच के बाद उसने 241 मामलों में सबूतों की कमी पाई और निचली अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी.
इतनी बड़ी संख्या में मामले बंद होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. कोर्ट ने अपने 2 पूर्व जजों जे एम पांचाल और के एस राधाकृष्णन की एक सुपरवाइजरी कमिटी बनाई. कमिटी को बंद किए गए 241 मामलों की समीक्षा के लिए कहा गया.
सुपरवाइजरी कमिटी ने इनमें से 186 मामलों में दोबारा जांच की गुंजाइश बताई. इसी रिपोर्ट के आधार पर अब सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.