Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने पर बुधवार (22 मार्च) को तैयार हो गया.  


मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने बिलकिस बानो की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी वकील शोभा गुप्ता के जरिए उन्हें आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन किया जाएगा. गुप्ता ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि नई पीठ के गठन की जरूरत है. 


गैंग रेप मामले को सुनेगी पांच जजों की पीठ
मुख्य न्यायाधीश ने कहा नई पीठ का गठन किया जाएगा. हम इस विषय पर आज शाम को विचार करेंगे. इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात सरकार की सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को माफी को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर एससी में सुनवाई नहीं हो सकी थी, क्योंकि बाकी जज पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का हिस्सा होने की वजह से इच्छा मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे. 


दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के अलावा, बानो ने एक अलग याचिका भी दायर की थी जिसमें एक दोषी की याचिका पर शीर्ष अदालत के 13 मई 2022 के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया है.


बीते साल दोषियों को किया गया था रिहा
शीर्ष अदालत ने 13 मई 2022 को सुनाए आदेश में राज्य सरकार से नौ जुलाई 1992 की अपनी नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई के लिए एक दोषी की याचिका पर विचार करने और दो महीने की अवधि के भीतर इस पर फैसला करने को कहा था. हालांकि यह याचिका पिछले साल दिसंबर में शीर्ष अदालत ने खारिज कर दी थी.


बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के सभी 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. वे गोधरा उप-कारागार में बंद थे और 15 वर्षों से अधिक समय से जेल में थे. गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्य भी मारे गए थे.


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