Supreme Court Decision on Andhra Pradesh MLA: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के एक विधायक को अंतरिम संरक्षण देने पर नाराजगी जताई है. अदालत ने इस मामले में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए तीखी प्रतिक्रिया भी दी है. दरअसल, अदालत ने इस विधायक के खिलाफ कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे.


इस घटना से जुड़ा वीडियो दिखाते हुए न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, "अदालत ऐसे मामलों में अंतरिम संरक्षण कैसे दे सकती है. अगर हम इस आदेश पर रोक नहीं लगाते हैं, तो यह व्यवस्था का मज़ाक उड़ाने के समान होगा..."


क्या है पूरा मामला


दरअसल, एक वायरल वीडियो में पलनाडु जिले के एक मतदान केंद्र पर सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के विधायक पी. रामकृष्ण रेड्डी अपने कुछ उपद्रवी समर्थकों के साथ एक मतदान केंद्र में घुसते हुए और ईवीएम के साथ वीवीपीएटी को टेबल से उठाकर जमीन पर फेंकते हुए दिख रहे हैं. यह घटना 13 मई को हुई थी. हालांकि, कुछ ही दिनों में रेड्डी को उस मामले में राहत मिल गई थी.  तब उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वेंकट ज्योतिर्मयी के अंतरिम आदेशों के तहत पुलिस को 5 जून 2024 सुबह 10 बजे तक विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और संदीप मेहता ने मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले पर गंभीर सवाल उठाए. इस फैसले को दोनों ने "व्यवस्था का पूर्ण मजाक" कहा. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह अंतरिम संरक्षण को रद्द करने के बारे में सोच रही है.


सुप्रीम कोर्ट ने विधायक पर लगे आरोपों को माना सही


न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और संदीप मेहता ने आगे कहा कि क्या हमारा मज़ाक उड़ाया जा रहा है? यह एक सरासर मजाक है. इतने सारे लोग मतदान केंद्र में कैसे घुस सकते हैं शिकायतकर्ता ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट दोनों छीन लिए गए और नष्ट कर दिए गए. मतदान केंद्र के अंदर आठ लोग थे. जमानत का सवाल ही कहां उठता है. अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह प्रथम दृष्टया वाईएसआरसीपी नेता के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही मानती है.


मामले में पुलिस की चुप्पी की भी आलोचना


अदालत ने अंतरिम संरक्षण आदेश तक छिपे रहने के लिए विधायक की भी आलोचना की, और चौंकाने वाली घटना पर पुलिस की प्रतिक्रिया की भी आलोचना की. कोर्ट ने पुलिस के लिए कहा कि मौजूदा विधायक मतदान केंद्र पर जाते हैं, ईवीएम और वीवीपैट को नष्ट कर देते हैं और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाती है? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय को रेड्डी के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करने का आदेश दिया.


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