सड़कों की खराब हालत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार (8 जुलाई, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने वकील को फटकार लगाते हुए याचिका वापस लेने का आदेश दिया और कहा कि पूरी रिसर्च करके हाईकोर्ट में अपील करें. कोर्ट ने वकील से कहा कि आप ऐसे किसी कानून या प्रावधान के बारे में नहीं बता सके जिससे आपकी दलीलें संबंधित हों और इतना बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. याचिका में विभिन्न कारणों से सड़क तोड़े जाने का मुद्दा उठाया गया है.


याचिका में कहा गया कि इस तरह से नागरिकों को परेशानी हो रही है. इस पर बेंच ने वकील से पूछा कि किस कानून में लिखा है कि सड़कों को तोड़ा नहीं जा सकता है और आप क्या कहना चाहते हैं यह समझ नहीं आ रहा. बेंच ने कहा कि कोर्ट आपका होमवर्क करने के लिए अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता.


जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसनुद्दीन अमानतुल्लाह की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी. जस्टिस अहसनुद्दीन अमानतुल्लाह ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं. एडवोकेट ने कहा कि कॉन्ट्रेक्टर बार-बार खुदाई कर रहे हैं, जिसकी वजह से नागरिकों को परेशानी हो रही है. इस पर बेंच ने कहा कि इससे वकील का क्या मतलब है और वह क्या कहना चाहते हैं.


कोर्ट ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या ऐसा कोई कानून है कि ऐसा नहीं किया जा सकता और अगर है तो बताइए वो कानून कहां है. कोर्ट ने वकील की दलीलों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले आप अपना होमवर्क कीजिए क्योंकि कोर्ट आपका होमवर्क पूरा करने में अपना समय बर्बाद नहीं करेगा.


बेंच ने वकील से कहा कि आपने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया है. आप किसी कानून या प्रावधान के बारे में नहीं बता सके हैं, जिसमें आपकी दलील से जुड़ी बात का जिक्र किया गया हो. उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद आपने इतना बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. कोर्ट ने याचिका वापस लेने का निर्देश देते हुए हाईकोर्ट में अपील करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि आपको इस अनुमति के साथ याचिका वापस लेने के लिए कहा जाता है कि आप और अधिक रिसर्च के साथ संबंधित हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं.


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