Supreme Court 2 New Judge: सुप्रीम कोर्ट के लिए गुरुवार (18 जुलाई 2024) का दिन काफी खास रहा. मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर. महादेवन ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें शपथ दिलाई. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. इन्हें भी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शपथ दिलाई.


बता दें कि न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह और आर. महादेवन की पदोन्नति को 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से दोनों न्यायाधीशों की सिफारिश किए जाने के कुछ दिनों बाद ही मंजूरी दे दी गई थी. कॉलेजियम ने दोनों न्यायाधीशों की सिफारिश करते समय पीठ में विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला था. न्यायमूर्ति सिंह और महादेवन के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो जाएगी.










 


कौन हैं न्यायमूर्ति महादेवन?


न्यायमूर्ति सिंह मूलरूप से मणिपुर से हैं और वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले मणिपुर के पहले न्यायाधीश बनने वाले हैं. जस्टिस महादेवन तमिलनाडु के एक पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी नियुक्ति से बेंच में विविधता आएगी. न्यायमूर्ति महादेवन अपने करियर में पहली बार मद्रास उच्च न्यायालय के बाहर न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे. 2013 में पहली बार नियुक्त होने के बाद से वे मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे हैं और वर्तमान में इसके कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं. फरवरी 2023 में न्यायमूर्ति माधवन उस पीठ का हिस्सा थे जिसने आरएसएस के प्रस्तावित राज्यव्यापी मार्च पर शर्तें लगाने वाले आदेश को खारिज कर दिया था.


कौन हैं जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह?


जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह 28 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले थे (62 वर्ष की आयु होने पर, जैसा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए मानक है), लेकिन अब वह 28 फरवरी 2028 तक सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष है. 1 मार्च, 1963 को मणिपुर के इंफाल में जन्मे न्यायमूर्ति सिंह गुवाहटी हाई कोर्ट के जस्टिस रह चुके एन. इबोटोम्बी सिंह के बेटे हैं, जिन्होंने मणिपुर के पहले महाधिवक्ता के रूप में काम किया.


2008 में गुवाहटी उच्च न्यायालय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में मान्यता प्राप्त न्यायमूर्ति सिंह को 2011 में गुवाहटी हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि और 2012 में स्थायी न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया था. 2013 में मणिपुर उच्च न्यायालय की स्थापना के समय उन्हें न्यायाधीश बनाया गया था. 2018 में, मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होने से पहले उन्हें गुवाहटी उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किया गया था.


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