Taj Mahal: सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे की व्यापारिक गतिविधियों पर लगी रोक हटा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के पास व्यावसायिक गतिविधियों के एनवायरमेंट पर पड़ने वाले प्रभाव का कोई सर्वेक्षण नहीं करने के लिए बुधवार (9 नवंबर) को आगरा विकास अथॉरिटी को जमकर फटकार लगाई और इसे दुखद स्थिति करार दिया.


शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे सुपर एडमिनिस्ट्रेटर की तरह काम करना होगा, क्योंकि ADA अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सदियों पुराने स्मारक की चारदीवारी के बाहर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के लिए दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी है.


रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश
जज संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने नेशनल एनवायरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) को विशेष रूप से ताजमहल की चारदीवारी के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक एक्टिविटी के नए सर्वेक्षण के आधार पर एनवायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट (EIA) करने और जल्द से जल्द अदालत को सुझाव देते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा.


दुकान मालिकों के वकील ने क्या कहा?
दुकान मालिकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा "वे दशकों से अपना कारोबार कर रहे हैं और इलाके में उनके आवास हैं. अब आगरा विकास अथॉरिटी ने उन्हें बंद करने का नोटिस दिया है. रोहतगी ने कहा, ये 2,000 प्रतिष्ठान पिछले 40 वर्षों से किसी भी तरह के मुकदमे में नहीं हैं और कभी भी ऐसी किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं हुए हैं जो प्रतिबंधित है".


आदेश 1996 से अस्तित्व में 
जस्टिस एडीएन राव ने कहा, "ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश 1996 से अस्तित्व में है और इसे बार-बार दोहराया गया है". इस बीच चांदनी रात में ताज का दीदार करने के इच्छुक पर्यटकों के लिए कोर्ट ने अपने 2004 के आदेश को संशोधित किया और अधिकारियों को 24 घंटे पहले टिकट को फिजिकल रूप से देने के बजाय ऑनलाइन टिकट सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया.


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