Supreme Court: डीएमके सांसद कनिमोझी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.  2019 के लोकसभा चुनाव में तूतीकोरिन सीट से उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने भी उनके खिलाफ दायर की गई याचिका को रद्द कर दिया था.


कनिमोझी ने बताया था कि याचिका इस आधार पर दाखिल की गई थी कि उन्होंने नामांकन भरते समय अपने पति का पैन नंबर नहीं लिखा. जबकि उनके पति सिंगापुर के नागरिक हैं. उनके पास पैन कार्ड है ही नहीं.


सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने दी कनिमोझी को राहत
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला त्रिवेदी की खंडपीठ ने 2019 के आम चुनाव में थूथुकुडी लोकसभा क्षेत्र से उनके चुनाव को लेकर विवादित चुनाव याचिकाओं को खारिज करने की अपील स्वीकार कर ली. मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पहले उनकी अपील स्वीकारने से मना कर दिया था.


मामले की सुनवाई के दौरान कनिमोझी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने कहा, क्या मुझे यूं ही अदालत में भटकना चाहिए? मेरे खिलाफ किस मामले के तहत कार्रवाई होनी चाहिए? आखिर मैंने क्या छुपाया है? मेरे मतदाताओं ने मुझको 55 प्रतिशत से अधिक वोटों से चुनकर भेजा है, और वह मेरी जानकारी से संतुष्ट भी हैं.


अदालत में पेश किया संपत्ति का हर ब्यौरा
कनिमोझी के वकील ने कहा, चूंकि मेरे पति सिंगापुर के नागरिक हैं, इसलिए नामांकन भरते समय मैंने उनके पैन कॉर्ड के सामने लागू नहीं होता है का विकल्प चुना है. क्योंकि उनके पास सिंगापुर का नागरिक होने के कारण पैन कॉर्ड नहीं है. हालांकि हमने उनकी संपत्ति का हर ब्यौरा अदालत के सामने पेश किया है. अगर अदालत को या शिकायतकर्ताओं को ऐसा लगता है कि हमने गलत जानकारी साझा की है तो उसके लिए उनके पास प्रवाधान मौजूद हैं.


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