ड्रग्स केस में कन्नड़ फिल्मों की अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी को जमानत मिल गई है. 4 महीने से जेल में बंद रागिनी को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत पर रिहा किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ज़्यादा से ज़्यादा यही लगता है कि रागिनी ने ड्रग्स का सेवन किया था. सिर्फ उस आधार पर उस पर नारकोटिक्स का व्यापार करने का आरोप लगाया जाना सही नहीं.
सैंडलवुड ड्रग्स केस के नाम से चर्चित इस मामले में बेंगलुरु पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 4 सितंबर को रागिनी को गिरफ्तार किया है. पुलिस की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि रागिनी पर पर अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट से संबंध रखने और रेव पार्टी करवाने के गंभीर आरोप हैं. इसके जवाब में अभिनेत्री के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि उनके पास से ड्रग्स नहीं मिला था. पुलिस ने बिना सबूत मुकदमा तैयार किया है.
लूथरा ने कहा कि अगर रागिनी के ड्रग्स लेने की बात मान भी ली जाए तो यह व्यक्तिगत उपभोग का मामला बनता है. इसके लिए उन्हें रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेजा जाना चाहिए,न कि जेल में. लेकिन उनके ऊपर एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 लगा दी गई. यह धारा नारकोटिक्स का कारोबार करने वालों पर लगती है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने लूथरा की दलीलों को स्वीकार किया. कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सारा केस सबूत की बजाय दूसरों के बयान पर आधारित है. अगर उसने ड्रग्स का उपभोग किया भी तो यह एनडीपीएस एक्ट की धारा 27(b) का मामला बनता है.
हालांकि, कोर्ट ने रागिनी को जमानत देते हुए यह साफ किया कि निचली अदालत उसकी टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना मुकदमे को देखे.
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