SC Granted Bail AAP's Vijay Nair: आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. इससे पहले मनीष सिसोदिया और के कविता को भी इसी आधार पर बेल मिली थी. विजय को दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी बनाया गया है. अदालत ने कहा कि नायर 23 महीने से हिरासत में है और उनके खिलाफ ट्रायल को ही सजा नहीं बनाना चाहिए.
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अदालत को आश्वासन देने के बावजूद समय पर सुनवाई पूरी नहीं कर पाया है और अभी लगभग 350 गवाहों से पूछताछ की जानी है.
सुनवाई पूरी होने का दिलासा लेकिन अब भी पूछताछ जारी: सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने कहा, ''जब मनीष सिसोदिया का मामला इस न्यायालय में लिया गया था तो ईडी ने आश्वासन दिया था कि सुनवाई छह से आठ महीने के भीतर पूरी हो जाएगी लेकिन जैसा कि देखा जा सकता है कि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है. जबकि ईडी द्वारा 30/10/23 को 6 से 8 महीने के भीतर मुकदमे के शीघ्र समापन पर आश्वासन दिया गया था, यह देखा गया है कि 40 व्यक्तियों को आरोपी के रूप में पेश किया गया है. अभियोजन पक्ष लगभग 350 गवाहों से पूछताछ करना चाहता है."
नायर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नायर 23 महीने से हिरासत में है. उन्होंने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत आरोप हैं, इसलिए दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम सजा 7 साल है. उन्होंने यह भी कहा कि सह-आरोपी मनीष सिसोदिया और के कविता को जमानत दी गई है, इसलिए नायर को भी राहत दी जानी चाहिए.
ईडी ने जमानत का किया विरोध
ईडी की ओर से केस लड़ रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि पीएमएलए की धारा 45 के तहत जमानत देने की सीमा बहुत अधिक है. उन्होंने कविता के जमानत आदेश से नायर के मामले को अलग करने की भी मांग की, यह तर्क देते हुए कि बाद में धारा 45 पीएमएलए के प्रावधान के तहत महिलाओं को विशेष विचार की अनुमति के आधार पर जमानत दी गई थी.
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