Interim Bail Granted: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बंद एक व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. झारखंड की कोडरमा सीट से नामांकन भरने वाले सुभाष यादव ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव दौरान प्रचार के लिए दी गई अंतरिम जमानत का हवाला देते हुए अपने लिए राहत मांगी थी. ED के विरोध को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मतदान तक बाहर रहने की अनुमति दे दी.
कोडरमा में 13 नवंबर को मतदान है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 14 नवंबर को शाम 5 बजे तक समर्पण कर वापस जेल चला जाए. ED की तरफ से पेश एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि PMLA एक्ट की धारा 45 में इस तरह की जमानत का कोई प्रावधान नहीं है. इस पर कोर्ट ने साफ किया कि उसके आदेश को भविष्य के सभी मामलों के लिए उदाहरण की तरह न माना जाए.
किस मामले की सजा काट रहे हैं सुभाष यादव?
एस वी राजू ने आगे कहा कि जेल में रहते हुए लोग चुनाव लड़ते रहे हैं. बाहर आकर प्रचार करना इतना जरूरी नहीं है. लोग जेल में रहते हुए भी जीत हासिल कर लेते हैं. इस पर 3 जजो की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्य कांत ने मुस्कुराते हुए कहा, "हम याचिकाकर्ता की जीत की संभावनाएं नहीं बढ़ाना चाहते." सुभाष यादव अवैध रेत खनन के मामले में आरोपी हैं. उन पर ED ने भी PMLA एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
9 मार्च को ED ने किया था गिरफ्तार
सुभाष यादव को इस साल 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह पटना जेल में बंद है. उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए पटना हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी थी. हाई कोर्ट ने इसे मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता की नियमित जमानत याचिका हाई कोर्ट में लंबित है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट केस के तथ्यों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. याचिकाकर्ता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम तौर पर रिहा किया जा रहा है.
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