Supreme Court grants relief to Manish Sisodia: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें जमानत की शर्त में रियायत दी है. अब तक सिसोदिया को सप्ताह में 2 बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता था. अब उन्हें ऐसा नहीं करना होगा.
 


शराब घोटाले में मिली थी जमानत

 

सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को शराब घोटाले से जुड़े CBI और ED के मुकदमों में सिसोदिया को जमानत दी थी. कोर्ट ने मुकदमा शुरू होने में हो रही देरी को आधार बनाते हुए जमानत का आदेश दिया था. सिसोदिया को यह जमानत 10 लाख रुपए के 2 निजी मुचलकों पर मिली थी. कोर्ट ने यह शर्त भी रखी थी कि वह हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे.

 


मनीष सिसोदिया ने किया शर्तों में ढील का अनुरोध



 

मनीष सिसोदिया ने खुद को एक प्रतिष्ठित नेता बताते हुए इस शर्त में ढील का अनुरोध किया था. उनका कहना था कि वह जांच और मुकदमे में सहयोग के लिए हमेशा उपलब्ध हैं इसलिए सप्ताह में 2 बार जांच अधिकारी के पास जाने की शर्त हटा ली जानी चाहिए. 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस आवेदन पर सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) से जवाब मांगा था.

 

बेंच ने लिया अहम फैसला 

 

बुधवार को जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने माना कि इस शर्त को बनाए रखना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि सिसोदिया को अब हर सप्ताह जांच अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह मुकदमे के दौरान कोर्ट में नियमित रूप से मौजूद रहें.