नई दिल्ली: प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद दिल्ली सरकार अब जगह साफ हवा देने वाले टावर खड़े करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दस दिन के भीतर स्मॉग रिडक्शन टावर पर योजना बनाने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार इस योजना को लागू करने में जुट गई है.


दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत भयानक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 शहर भारत के हैं जिसमें दिल्ली इस सूची में पहले स्थान पर है. इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर किस स्थिति में है. इसीलिए दिल्ली को गैस चेंबर कहा जाने लगा है. प्रदूषण की समस्या से निपटना दिल्ली सरकार के लिए इतना आसान नहीं है. हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली की एक स्टार्टअप कंपनी ने एक प्यूरीफायर तैयार किया है जो तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे करीब 75 हजार लोगों को साफ हवा दे सकता है.



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यह चारों तरफ से हवा को खींचकर हवा को साफ करेगा. इसकी लंबाई 40 फीट है. इसे दिल्ली को ध्यान में रखकर बनाया गया है. कंपनी की ओर से इसे सिटी क्लीनर नाम दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि इससे हर दिन 3.2 करोड़ क्यूबिक मीटर की हवा को स्वच्छ करने की क्षमता होगी.


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एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण से हर साल 12 लाख लोगों की मौत हो जाती है. यहां आंकडे़ डराते हैं इसलिए जरूरी है कि इस समस्या का निदान निकाला जाए. दिल्ली में टावर लगवाने में करोड़ों का खर्च आएगा. माना जा रहा है कि एक टावर लगवाने में 1.75 करोड़ का खर्चा आ सकता है. आबादी को देखते हुए दिल्ली में कितने टावरों की जरूरत पड़ेगी इस पर मंथन चल रहा है. वहीं दिल्ली के लोग जल्द से जल्द प्रदूषण से मुक्ति चाहते हैं.


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