Supreme Court: ड्रग्स और नशीले पदार्थों के कारोबार और तस्करी के मामले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा कि नशीली चीजों के व्यावसायिक मात्रा के कारोबार से जुड़े आरोपी को तब तक जमानत नहीं मिलनी चाहिए या रिहा नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि कोर्ट को इस बात की संतुष्टि हो जाए कि व्यक्ति दोषी नहीं है और वह भविष्य में ऐसा अपराध नहीं करेगा.


जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक आरोपी व्यक्ति को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट, 1985 (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) कानून के तहत जमानत पर रिहा कर दिया था. 


हाई कोर्ट ने नहीं किया है कोई निष्कर्ष दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के पास से बरामद गांजे की मात्रा व्यावसायिक मात्रा की है. कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने कोई निष्कर्ष दर्ज नहीं किया है कि व्यक्ति अपराध का दोषी नहीं है और जब उसे जमानत पर रिहा किया गया तो उसके ऐसा भविष्य में उसके ऐसा अपराध करने की संभावना नहीं है. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट को पूरी तरह से व्यक्ति के दोषी न होने का का भरोसा हो जाए तब तक उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए.


अफगानिस्तान में होता है सबसे ज्यादा अफीम का उत्पादन
देश में लगातार नशीले पदार्थों का व्यावसाय बढ़ता जा रहा है. यूएनओडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा अफीम का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है. जानकारी के मुताबिक पूरी दुनिया के अफीम उत्पादन का लगभी 84 प्रतिशत अफगानिस्तान में होता है. जो इसके पड़ोसी देशों के साथ एश्यिा, अफ्रीका समेत अमेरिका और कनाडा में सप्लाई की जाती है. इसके आलावा रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया की लगभग 95 प्रतिशत अफीम की खेती अफगानिस्तान, मेक्सिको और म्यांमार इन तीन देशों में की जाती है.


ये भी पढ़ें


Manmohan Vaidya: RSS के मनमोहन वैद्य ने कहा, 'अद्वितीय आध्यात्मिकता केंद्रित दृष्टिकोण के कारण भारत हिंदू राष्ट्र'