Christians Prayer In Madhya Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के आधार पर मध्य प्रदेश के इंदौर में ईसाई समुदाय की प्रस्तावित प्रार्थना सभा की अनुमति रद्द करने के प्रशासन के फैसले को ‘‘अनुचित’’ करार देते हुए बुधवार (11 अप्रैल) को उस पर रोक लगा दी. इस आदेश के साथ ही इंदौर में ईसाई प्रार्थना सभा का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, हम पाते हैं कि प्रार्थना सभा आयोजित करने के लिए याचिकाकर्ता को दी गई अनुमति रद्द करना उचित नहीं है.‘‘
क्या कहना है सुप्रीम कोर्ट का?
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘‘22 मार्च, 2024 के आदेश के तहत जो अनुमति दी गई थी और पांच अप्रैल, 2024 को संशोधित की गई थी, उसमें विभिन्न शर्तों को निर्दिष्ट किया गया था, ताकि सभी हितधारकों के हितों की रक्षा की जा सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि कानून और व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न न हो. इन परिस्थितियों में अनुमति रद्द करना हमारे विचार में उचित नहीं था. पीठ ने सुरेश कार्लटन्स की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार और इंदौर प्रशासन को नोटिस भी जारी किये.
प्रार्थना सभा आयोजित करने की मंजूरी को रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. पीठ ने कहा, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि याचिकाकर्ता आज यानी 10 अप्रैल, 2024 को शाम 5:00 बजे प्रार्थना सभा आयोजित करने का हकदार होगा, हालांकि, यह निर्णय याचिकाकर्ता द्वारा निर्देशों/शर्तों के सख्ती से पालन पर निर्भर करेगा.’’
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुरंत दी गई प्रशासन को सूचना
पीठ ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह आदेश को 'तुरंत इंदौर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायालय) को सूचित करें, जो इसे जिलाधिकारी, इंदौर को सूचित करेगा'. इससे पहले, इंदौर प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए बुधवार को होने वाली ईसाई समुदाय की प्रार्थना सभा की अनुमति रद्द कर दी थी. मध्य प्रदेश में इंदौर लोकसभा क्षेत्र के एक सहायक निर्वाचन अधिकारी ने रविवार को जारी एक आदेश में प्रार्थना सभा की अनुमति रद्द कर दी. इस सभा के लिए पांच अप्रैल को मंजूरी दी गई थी.