Supreme Court: 'बेहतर है कि आप जेल में रहकर...', SC ने आम्रपाली ग्रुप के पूर्व CMD की जमानत याचिका पर क्या कुछ कहा?
Amrapali Group News: आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा इस मामले में चार साल से ज्यादा समय से जेल में हैं.
![Supreme Court: 'बेहतर है कि आप जेल में रहकर...', SC ने आम्रपाली ग्रुप के पूर्व CMD की जमानत याचिका पर क्या कुछ कहा? Supreme Court has rejected the bail plea of former CMD of Amrapali Group of Companies Anil Kumar Sharma Supreme Court: 'बेहतर है कि आप जेल में रहकर...', SC ने आम्रपाली ग्रुप के पूर्व CMD की जमानत याचिका पर क्या कुछ कहा?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/05/0e52cc427cdce480cc7935d889f698641683284267652432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Supreme Court On Amrapali Group: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (5 मई) को आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा (Anil Kumar Sharma) की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि आपने हजारों खरीदारों को धोखा दिया और आप किसी सहानुभूति के लायक नहीं हैं. आप जेल में रहने का आनंद लें. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अनिल शर्मा की जमानत याचिका पर अभियोजन पक्ष को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया.
पीठ ने कहा कि आपने हजारों घर खरीदारों को ठगा है. आपने उनकी मेहनत की कमाई को चुरा लिया. आप किसी सहानुभूति के हकदार नहीं हैं. रियल एस्टेट समूह के पूर्व सीएमडी और फर्म के अन्य निदेशकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रबंधन ने बड़े स्तर पर घर खरीदारों के धन की हेराफेरी की.
"बड़ी संख्या में घर खरीदार पीड़ित हैं"
कोर्ट ने कहा कि ये साधारण धोखे का मामला नहीं है. हजारों घर खरीदारों की दुर्दशा देखो. आपको हमारी सहानुभूति नहीं मिल सकती. बेहतर होगा आप जेल में रहने का आनंद लें. आपने जो किया, उस बारे में इस अदालत को अच्छी तरह पता है. आपने जो गड़बड़ी की, हम उससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पा रहे हैं. बड़ी संख्या में घर खरीदार पीड़ित हैं.
पहले दी थी अंतरिम जमानत
इससे पहले कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर अनिल शर्मा को कुछ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अनिल शर्मा और अन्य 2018 में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग सहित विभिन्न अपराधों के लिए गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं और लगभग चार साल जेल में बिता चुके हैं. उन पर घर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप लगाया गया है.
कोर्ट ने दिया था ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 23 जुलाई, 2019 के फैसले में दोषी बिल्डरों पर नकेल कसते हुए रियल एस्टेट कानून रेरा के तहत आम्रपाली समूह के पंजीकरण को रद्द करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से रीयलटर्स के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का निर्देश दिया था. जिससे आम्रपाली समूह के 42,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत मिली थी.
ईडी के अलावा, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) भी रियल एस्टेट समूह के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों की जांच कर रहे हैं.
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