टाटा ग्रुप-मिस्त्री विवादः सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद NCLAT के आदेश पर लगाई रोक
टाटा समूह और साइरस मिस्त्री विवाद पर एनसीएलएटी के फैसले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
नई दल्लीः टाटा समूह और साइरस मिस्त्री विवाद को लेकर एनसीएलएटी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLAT) के फैसले पर भी रोक लगा दी है. टाटा ने साल 2016 में साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया था. जिसके बाद रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बने थे.
इससे पहले एनसीएलएटी ( NCLAT) ने आदेश जारी किया था. इस आदेश में कहा गया था कि साइरस मिस्त्री को दोबारा से टाटा संस का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया जाए. टाटा सन्स ने अक्टूबर 2016 में मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था.
सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का एक्ज़ीक्यूटिव चेयरमैन बनाने के NCLAT के आदेश पर SC ने रोक लगाई। मिस्त्री को नोटिस जारी।
NCLAT ने टाटा संस बोर्ड के 2016 के उस फैसले को निरस्त कर दिया था, जिसमें मिस्त्री को हटाया गया था। मिस्त्री के हटने के बाद रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बने थे — Nipun Sehgal (@Sehgal_Nipun) January 10, 2020
अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे राइरस मिस्त्री
साइरस मिस्त्री ने चेरयमैन पद से हटाने के टाटा सन्स के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चुनौती दी थी. वहां वह केस हार गए थे. जिसके बाद उन्होंने अपीलेट ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था.
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री के पक्ष में फैसला सुनाया था. दूसरी ओर टाटा सन्स की दलील थी कि अपीलेट ट्रिब्यूनल का फैसला कॉर्पोरेट डेमोक्रेसी और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अधिकारों के लिए नुकसानदायक है.
मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर हैं. टाटा सन्स टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है. इसके 66% शेयर टाटा ट्रस्ट के पास हैं. रतन टाटा टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन हैं. अपीलेट ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री को हटाने के मामले में रतन टाटा को भी दोषी ठहराया था.
ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद रतन टाटा ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनका कहना है कि ट्रिब्यूनल ने बिना तथ्यों या कानूनी आधार के फैसला दिया.
RD बनाम FD: जानें किसमें निवेश करना होगा आपके लिए फायदे का सौदा