(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'धर्मांतरण के लिए महिलाएं और बच्चे निशाने पर, विदेशी चंदा पाने वाले समूह सक्रिय', सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी
Supreme Court: याचिकाकर्ता का कहना है कि महिलाएं और बच्चे विदेशी चंदा पाने वाले लोगों के धर्मांतरण समूहों के मुख्य निशाने पर हैं.
Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि देश में विदेशी चंदे से धर्मांतरण का मुख्य लक्ष्य महिलाएं और बच्चे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने में विफल रही हैं. धर्मांतरण के विरुद्ध एक याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष दाखिल अपनी लिखित दलील में जनहित याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस मुद्दे पर कानून नहीं होने का हवाला दिया.
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच दिसंबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि परमार्थ कार्य का मकसद धर्मांतरण नहीं होना चाहिए और जबरन धर्मांतरण एक ‘गंभीर मुद्दा’ है, जो संविधान की भावना के विरुद्ध है.
याचिकाकर्ता ने दी ये दलील
अश्विनी उपाध्याय उपाध्याय ने लिखित दलील में, धार्मिक रूपांतरण से संबंधित कथित गतिविधियों को रोकने के लिए विदेशी वित्त पोषित एनजीओ और व्यक्तियों के लिए एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) के तहत बनाए गए नियमों की समीक्षा सहित विभिन्न राहत मांगी. याचिका में हवाला और अन्य तरीकों से होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की भी मांग की गई है.
याचिका में विधि आयोग से गैरकानूनी छल से धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए उचित कानून और दिशानिर्देश का सुझाव देने का अनुरोध किया गया है. साथ ही छल और धोखे से धर्मांतरण कराने में लगे व्यक्तियों और संगठनों की गलत तरीके से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने के लिए केंद्र और राज्यों को आदेश देने का अनुरोध किया गया.
'महिलाएं और बच्चे निशाने पर'
याचिकाकर्ता का कहना है कि महिलाएं और बच्चे विदेशी चंदा पाने वाले लोगों के धर्मांतरण समूहों के मुख्य निशाने पर हैं. याचिका में कहा गया कि अभी तक केंद्र और राज्यों ने अनुच्छेद 15 (3) की भावना के तहत धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए हैं, स्थिति इतनी भयावह है कि कई व्यक्ति और संगठन सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की गरीबी का फायदा उठाते हुए लालच देकर बड़े पैमाने पर उनका धर्मांतरण कर रहे हैं. इसमें कहा गया कि लोगों को डरा धमकाकर या पैसे का लालच देकर धर्मांतरण कराना अधिक गंभीर अपराध हैं.
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