Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर कोर्ट करेगा फैसला
Joshimath Sinking: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसके पहले 10 जनवरी को अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.
Johsimath Matter In Supreme Court: उत्तराखंड का जोशीमठ इन दिनों सुर्खियों में है. यहां की जमीन धंस रही है जिसके चलते सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं. अभी तक 148 भवनों को अनसेफ चिह्नित करते हुए इसे रहने योग्य नहीं माना था. इस बीच जोशीमठ का मामला सुप्रीम कोर्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जिस पर सोमवार (16 जनवरी) को सुनवाई होनी है. जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग उठ रही है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस याचिका को 16 जनवरी को सूचीबद्ध किया गया है. याचिका को लेकर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, पीएस नरसिंह और जेपी पारदीवाला की पीठ में सुनवाई होनी है.
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जनहित याचिका दायर कर जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिया जाना चाहिए.
तत्काल सुनवाई से किया था इनकार
इसके पहले 10 जनवरी को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के वकील ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया था जिसे सर्वोच्च अदालत ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि देश में स्थिति से निपटने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गईं संस्थाएं हैं और सभी मामले उसके पास नहीं आने चाहिए. कोर्ट ने 16 जनवरी को याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की थी.
याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ में आई आपदा के लिए क्षेत्र में तेजी से हो रहे औद्योगीकरण को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय सहायता देने की मांग भी की है. याचिका में कहा गया है कि ऐसे किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है जो मानव जीवन और उसकी पारिस्थितिकी को संकट में डालता है. केंद्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि वे ऐसी स्थिति को तुरंत रोकें.
आपदा प्रबंधन सचिव ने किया निरीक्षण
इस बीच उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा जोशीमठ पहुंचे और निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि दरारों में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी हुई है. वहीं जोशीमठ की जेपी कॉलोनी की दीवार फिर से बननी शुरू हो गई है. इस दीवार से पिछले कई दिनों से पानी बह रहा है. पीएमओ के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल जेपी कॉलोनी का निरीक्षण करने पहुंचे थे.
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