Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा DDA पर भरोसा नहीं, किसी बाहरी एजेंसी को देंगे जिम्मेदारी, जानें
Supreme Court: जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दिल्ली के दक्षिणी रिज क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. रिज क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए थे.
Supreme Court on Delhi Ridge Area Tree Cutting: दिल्ली के दक्षिणी रिज क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेड़ काटने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने DDA के वाइस चेयरमैन के जवाब पर असंतोष जताया. उन्होंने कहा कि डीडीए पर भरोसा नहीं कर सकते. दोबारा पेड़ लगाने का जिम्मा किसी बाहरी एजेंसी को देंगे.
डीडीए के वाइस चेयरमैन ने माना था कि बिना कोर्ट की अनुमति लिए 642 पेड़ काटे. ऐसा फील्ड स्टाफ ने किया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के महानिदेशक और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष को तलब किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था अधिकारियों को निर्देश
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोनों अधिकारियों को क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. इसके साथ ही पीठ ने वन महानिदेशक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस जारी किया था. पीठ ने कहा था कि अगर हम संतुष्ट होते हैं तो उन्हें पेड़ दोबारा लगाने का निर्देश देंगे.
क्या है मामला?
दऱअसल, सुप्रीम कोर्ट उस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही, जिसमें बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी का रिज क्षेत्र एकमात्र वन क्षेत्र बचा है. जो छतरपुर रोड और सार्क विश्वविद्यालय के बीच मौजूद है. यहां एक सड़क के निर्माण के लिए डीडीए की ओर से बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए थे. पीठ ने इस पर कहा था कि हम निर्देश देते हैं कि प्रतिवादी सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिवादी आगे से किसी भी पेड़ की कटाई में शामिल नहीं होंगे.