Supreme Court On Illegal Weapon: अवैध हथियारों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खुद संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से हलफनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा है कि उसने अवैध आग्नेयास्त्र (फायरआर्म्स) रखने और उनके इस्तेमाल के खिलाफ कितने केस दर्ज किए हैं? साथ ही यह भी बताने के लिए कहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं? अब इस मामले में 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी.
2017 में बागपत के रहने वाले राजेंद्र कुमार सिंह पर हत्या का केस दर्ज हुआ था. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में हुई इस हत्या में अवैध हथियार के इस्तेमाल का आरोप है. याचिकाकर्ता की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने अवैध हथियारों के चलन पर संज्ञान ले लिया.
कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों का इस्तेमाल बहुत चिंता की बात है. इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. राज्य सरकार यह बताए कि उसने अवैध हथियारों को रखने के कितने केस दर्ज किए हैं और इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाने की ज़रूरत है? फिलहाल यह नोटिस उत्तर प्रदेश के लिए जारी किया गया है लेकिन मामले से जुड़े वकील रोहित कुमार सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए यह उम्मीद जताई कि आगे चलकर मामले का विस्तार दूसरे राज्यों तक भी हो सकता है.
'भारत है अमेरिका नहीं'
सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसेफ ने कहा कि भारत में अमेरिका की तरह कानून नहीं है. अमेरिका में हथियार रखने को मौलिक अधिकार माना गया है लेकिन भारत में लाइसेंस पाने के बाद ही फायरआर्म्स रखे जा सकते हैं. फिर भी जगह-जगह अवैध हथियार बन रहे हैं और लोग उन्हें खरीद कर इस्तेमाल कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि सरकार अवैध हथियार रखने के मामले में आर्म्स एक्ट और दूसरे कानून के तहत तो कार्रवाई करती है, लेकिन इसके चलन को रोकने के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाया जाता है.