Lakhimpur Violence: लखीमपुर हिंसा मामले में आज फिर होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जांच के लिए पूर्व जज की नियुक्ति का आदेश हो सकता है जारी
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए पूर्व जज की नियुक्ति का आदेश जारी कर सकता है.
Supreme Court On Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट आज की सुनवाई के दौरान हिंसा के मामले की जांच को लेकर निगरानी के लिए पूर्व जज की नियुक्ति कर सकता है. आज इस मामले की सुनवाई दिन में करीब 11 बजे के शुरू होगी. इससे पहले हुए सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच के लिए पूर्व जज की नियुक्ति के मामले को लेकर बुधवार को ही कोई आदेश जारी कर सकता है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार क तरफ से गठित एसआईटी की जांच पर असंतोष जताया था.
आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे
इससे पहले हुए सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को भी उठाया था. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश काडर के उन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के नाम भी मांगे जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं ताकि उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके.
नाम की घोषणा बुधवार को
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि उसे संबंधित जज की सहमति भी लेनी होगी और इस सनसनीखेज मामले की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व जजों के नाम पर भी विचार करना होगा. सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि नाम की घोषणा वह बुधवार को किया जाएगा.
इस दौरान वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि राज्य को शीर्ष अदालत की ओर से जांच की निगरानी के लिए अपनी पसंद के चीफ जस्टिस की नियुक्ति से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि यह बात मन में नहीं होनी चाहिए क्योंकि संबंधित व्यक्ति एक प्रासंगिक कारक है.
सरकार ने नामित किया था जज
सुप्रीम कोर्ट ने आठ नवंबर को जांच पर असंतोष जताया था और सुझाव दिया था कि जांच में "स्वतंत्रत और निष्पक्षता" लाने के लिए, एक "अलग हाई कोर्ट'' के एक चीफ जस्टिस को दिन-प्रतिदिन आधार पर इसकी निगरानी करनी चाहिए. बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जांच के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नामित किया था.