सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (12 अगस्त, 2024) को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. उन्हें पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. सोमवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. इसी दौरान कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ऐसी बात कही, जिसे सुनकर सब लोग हंस पड़े.
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मामले पर सुनवाई की. ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सेंथिल बालाजी की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने सेंथिल बालाजी को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमे में देरी पूर्व मंत्री के कारण हो रही है. इसी बीच एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से मुस्कुराते हुए कहा, 'अगर लॉर्डशिप छूट दें तो कुछ कहूं. आपकी ओर से कहा गया कि मैं न खाता हूं, न खाने देता हूं. मतलब यह है कि आज लंच के लिए न तो लॉर्डशिप उठे और न ही हम उठे. हम लोग सुनवाई ही करते रहे.' यह बात सुनकर सभी लोग हंस पड़े.
सुनवाई के दौरान एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि बालाजी एक साल से अधिक समय से जेल में हैं और मुकदमे पर सुनवाई जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने बालाजी की ओर से कहा, 'उस समय आरोप लगाया गया था कि मैं प्रभावशाली व्यक्ति हूं, लेकिन अब मेरे पास विभाग नहीं है. अभी मेरी सर्जरी हुई है और क्या चाहिए?'
मद्रास हाईकोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया गया तो इससे गलत संदेश जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा. हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता आठ महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं, इसलिए विशेष अदालत को मामले का समय सीमा के भीतर निपटारा करने का निर्देश देना उचित होगा.
मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार दिन-प्रतिदिन के आधार पर की जाएगी. सेंथिल बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने कथित तौर पर पैसे लेकर नौकरी देने के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्ड्रिंग का ये केस ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार के समय का है. उस वक्त सेंथिल बालाजी परिवहन मंत्री थे. ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था.