निर्भया गैंगरेप: दोषी अक्षय की याचिका पर चंद मिनट पर आएगा फैसला, बचाव पक्ष के वकील बोले- मौत की सज़ा न दी जाए
राजधानी दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. निर्भया के हत्यारे अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आर भानुमति, अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की बेंच सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.अक्षय के वकील की ओर से तमाम दलील सुनने के बाद बेंच अब दोपहर एक बजे अपना फैसला सुनाएगी. अक्षय के वकील ने कोर्ट से कहा है कि अक्षय को मौत की सज़ा न दी जाए. इस मामले की सुनवाई जस्टिस आर भानुमति, अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की बेंच ने की है. कल चीफ जस्टिस बोबडे ने सुनवाई से खुद को अलग किया था. जस्टिस भानुमति और भूषण इससे पहले तीन दोषियों की याचिका खारिज करने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं.
अक्षय के वकील ने कोर्ट में क्या-क्या दलीलें पेश की?
दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने आज कोर्ट में कई अजीबो गरीब दलीले पेश कीं. एसपी सिंह ने कहा कि अक्षय को समाज के दबाव में सज़ा मिली है. हैदराबाद में पुलिस ने क्या किया देखिए. हमने दिल्ली के बाहर ट्रायल की मांग की थी. वह नहीं हुआ. गुरुग्राम के रयान स्कूल हत्याकांड में पुलिस ने एक कंडक्टर को फंसा दिया. सीबीआई जांच में सच सामने आया. अक्षय का परिवार आज भी पीड़ा भोग रहा है. निर्भया के दोस्त जो इस मामले में स्टार गवाह थे, उनके बारे में सामने आया है कि वह मीडिया से पैसे लेकर बयान दे रहा था. इसके आधार पर सह आरोपी पवन के पिता ने थाने में शिकायत दी. मामला अब कोर्ट में लंबित है. इसपर कोर्ट ने पूछा कि इनसब का इस मामले से क्या संबंध है?
मौत की सज़ा न दी जाए- अक्षय के वकील
इस पर एपी सिंह ने कहा, ''पीड़िता का दोस्त 2013 में मीडिया से पैसे ले रहा था. तब कोर्ट में ट्रायल चल रहा था. तिहाड़ के रिटायर्ड विधि अधिकारी सुनील गुप्ता ने राम सिंह की मौत पर सवाल उठाए हैं. उनके लेख से शक पैदा होता है कि राम सिंह ने आत्महत्या नहीं की थी, उसकी हत्या हुई थी. आरोपियों की शुरू में जो पहचान परेड हुई, उस पर भी सवाल है. मैं तो यही कह रहा हूं कि मौत की सज़ा न दी जाए.
अक्षय के वकील ने किया महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र
एपी सिंह ने आगे कहा कि मेरा सवाल है कि इसी मामले में राज्य सरकार तेज़ी क्यों दिखा रही है. कितने गंभीर दोषी पड़े हैं देश की जेलों में. साफ तौर पर राजनीतिक एजेंडा है. दोषी गरीब कमज़ोर परिवार का है. महात्मा गांधी हत्या मामले में भी शक है कि हत्या गोडसे ने की थी या नहीं? ऐसा इस मामले में नहीं होना चाहिए. भारत अहिंसा का देश है. सर्वे भवन्तु सुखिनः के सिद्धांत पर चलता है. फांसी मत दीजिए.
दिल्ली में बहुत प्रदूषण है, लोग मर रहे हैं, फांसी मत दीजिए- अक्षय के वकील
एपी सिंह ने कहा कि सतयुग, त्रेता में लोग हज़ारों साल जीते थे. अब उम्र वैसे ही कम है. फांसी मत दीजिए. दिल्ली में बहुत प्रदूषण है. लोग मर रहे हैं. फांसी मत दीजिए. गांधीजी ने कहा था कमज़ोर को मदद पहुंचाने वाला काम करना चाहिए. फांसी मत दीजिए. फांसी की सज़ा मानवाधिकार का हनन है. शायद ही कभी अमीर आदमी को फांसी की सज़ा मिलती है.
एपी सिंह के बाद सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ अपराध मानवता को शर्मसार करने वाले होते हैं. शायद भगवान को भी ऐसे राक्षस पैदा करने पर शर्म आती होगी. इनसे कोई रहम नहीं किया जा सकता. यह दोषी कुछ न कुछ कर के फांसी टलवाने की कोशिश करते रहते हैं.
यह भी पढ़ें-
CAA से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें
‘जामिया से हो शाहरुख, CAA पर कुछ तो बोलो, किसने बोलती बंद की हुई है’- रोशन अब्बास
BJP सांसद गौतम गंभीर बोले- ‘पत्थर फेंकोगे तो पुलिस जवाब देगी, आत्मरक्षा में लाठीचार्ज गलत नहीं’