Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में आज (29 मार्च) सभी धर्मों में तलाक की एक समान व्यवस्था करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी है. पिछले महीने दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी जिसमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) की ओर से कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने दलीले पेश की थीं.
याचिका को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष पेश किया गया था. कपिल सिब्बल ने दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसे मुद्दों पर सरकार को विचार करना चाहिए. ये मामले कोर्ट के विचार करने के नहीं हैं.
केंद्र सराकर की ओर से जनरल तुशार मेहता ने कहा...
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कपिल सिब्बल की दलील का विरोध किया था और कहा था कि कोर्ट इसे सुन सकता है. दायर याचिका कोर्ट के दायरे यानी न्यायिक समीक्षा के अधिकार क्षेत्र में हैं.
चार हफ्ते के लिए टाल दी गई थी सुनवाई
वहीं, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शॉर्ट नोट्स देने को कहा. सभी याचिकाओं में लिखी बातों की लिस्ट बनाने को कहा. इसके अलावा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ये कहते चार हफ्ते के लिए सुनवाई को टाला कि, हम देखते हैं कोर्ट इस पर क्या कर सकता है.
समान कानून बनाने की मांग...
बता दें, समान नागरिक संहिता से संबंधित तलाक, बच्चा गोद लेने और वसीयत जैसे मामलों को लेकर जनहित याचिका दायर हुई हैं. याचिका में इन मामलों को लेकर एक समान कानून बनाने की मांग की गई है.
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