'16 साल की उम्र में शोषण, वीडियो सबूत', महिला पहलवानों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को क्या-क्या बताया?
Wrestlers Protest: महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. उनके वकील ने बताया कि एक खिलाड़ी ऐसी है जिसके साथ 16 साल की उम्र में शोषण हुआ था.
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Wrestler Protest Against WFI Chief: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है. महिला खिलाड़ियों की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आज नोटिस जारी किया. खिलाड़ियों का कहना है कि यौन शोषण जैसे गंभीर अपराध की शिकायत देने पर भी दिल्ली पुलिस ने न तो FIR दर्ज की है, न कोई कार्रवाई की है. शुक्रवार, 28 अप्रैल को मामले पर अगली सुनवाई होगी.
7 महिला पहलवानों की तरफ से दाखिल याचिका को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच के सामने रखा. उन्होंने कहा कि यह महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने देश के लिए मेडल जीते हैं. इन सब ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है. इनमें से एक महिला खिलाड़ी ऐसी है जिसके साथ जब शोषण हुआ, तब वह सिर्फ 16 साल की थी. 21 अप्रैल को दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं
कपिल सिब्बल ने दलील दी कि गंभीर अपराध की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज करना पुलिस का कर्तव्य है. ऐसा न करने पर कानूनन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. सिब्बल ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट भी अपने पुराने फैसलों में यह कह चुका है कि इस तरह के अपराध की शिकायत पर पुलिस को एफआईआर लिखनी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है."
खिलाड़ियों के नाम सार्वजनिक न हों- कोर्ट
वरिष्ठ वकील ने कहा कि जो भी शिकायत दी गई है उसके वीडियो सबूत समेत दूसरे सबूत उपलब्ध हैं. इन्हें सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दिया गया है. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी गोपनीयता बनाए रखी जाए. चीफ जस्टिस ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा कि सीलबंद लिफाफे में दी गई शिकायत को वापस सील कर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता खिलाड़ियों के नाम सार्वजनिक न किए जाएं.
28 अप्रैल को पुलिस देगी जवाब
चीफ जस्टिस ने माना कि यह आरोप बेहद गंभीर हैं. सुनवाई के अंत में उन्होंने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं को इस बात की अनुमति दी कि वह नोटिस व्यक्तिगत रूप से भी दिल्ली सरकार के वकील को सौंप सकते हैं. कोर्ट ने शुक्रवार, 28 अप्रैल को अगली सुनवाई की बात कही है. उस दिन दिल्ली पुलिस को यह बताना होगा कि उसने खिलाड़ियों की तरफ से दी गई शिकायत पर अब तक क्या कार्रवाई की है.
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