Kashmir Solution Petition: सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर विवाद (Kashmir Dispute) के समाधान के लिए मनमोहन-मुशर्रफ के चार सूत्री फॉर्मूले को लागू करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर शुक्रवार को 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह आईआईटी-बंबई (IIT-Bombay) से स्नातक प्रभाकर वेंकटेश देशपांडे की ओर से दायर याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है. 


किस याचिका पर लगा जुर्माना?


याचिकाकर्ता ने रेखांकित किया कि समस्या का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है. देशपांडे ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा तैयार किए गए तथाकथित चार सूची फॉर्मूले के अमल का समर्थन किया. 


इस फॉर्मूले में स्वायत्तता, संयुक्त नियंत्रण, विसैन्यीकरण और बगैर बाड़ वाली सीमा की समस्या का हल शामिल है. याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि इन मसलों पर आगे बातचीत की जा सकती है.


कोर्ट ने बताया प्रचार हित याचिका


इस पर पीठ ने कहा कि अदालत नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है और यह याचिका 'प्रचार हित याचिका' के रूप में अधिक प्रतीत होती है. पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के वकील को सूचित कर रही है कि इस तरह की याचिकाओं से अदालत का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाएगी.


'हम जुर्माना लगाएंगे'


पीठ ने चेतावनी दी, "बेशक, हम आपकी बात सुनेंगे, लेकिन हम आपको नोटिस दे रहे हैं कि हम जुर्माना लगाएंगे." याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अरूप बनर्जी ने कहा कि देश ने पिछले 70 सालों में कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ 'ढाई युद्ध' लड़े, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. पीठ ने कुछ मिनटों की सुनवाई के बाद कहा कि वह याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है. पीठ ने याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया.


ये भी पढ़ें- PM मोदी आज सेंटर स्टेट टेक्नोलॉजी का करेंगे उद्घाटन, जानें इस कार्यक्रम में क्या होगा खास


ये भी पढ़ें- Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी का बड़ा बयान, थरूर समेत पांच सांसदों ने लिखी चिट्ठी